– जमीन बेच चुके किसानों के नाम हटाने की प्रक्रिया में बाधा, लेखपालों से मांगे गए दस्तावेज
लखनऊ। लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। धरमावत खेड़ा गांव की खतौनी अभिलेखागार से गायब हो गई है, जिससे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। राजस्व विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित लेखपालों से सभी दस्तावेज तलब किए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खतौनी गायब होने के चलते उन किसानों के नाम खतौनी से नहीं हट पाए हैं, जिन्होंने अपनी जमीनें पहले ही बेच दी थीं। इससे जमीन खरीदने वालों को नामांतरण में परेशानी हो रही है और कई मामलों में भूमि विवाद की स्थिति बन गई है।
मोहनलालगंज के धरमावत खेड़ा गांव की मूल खतौनी अभिलेखागार से गायब पाई गई। खतौनी में दर्ज कई किसान अपनी जमीन बेच चुके हैं, परंतु खतौनी अद्यतन न होने से नामांतरण नहीं हो पा रहा। लेखपालों से बीते वर्षों में हुए भूमि क्रय-विक्रय से संबंधित सभी रिकॉर्ड मांगे गए हैं।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि खतौनी की गुमशुदगी के पीछे लापरवाही या जानबूझकर की गई हरकत — दोनों ही पहलुओं पर जांच की जा रही है। यदि किसी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
इस घटना से ग्रामीणों में नाराजगी है। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि खतौनी गायब होना महज एक संयोग नहीं बल्कि भूमाफिया और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जा रही है।


