वॉशिंगटन। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस को हराया, अब नए मंत्रिमंडल और प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस प्रक्रिया में कश्यप ‘काश’ पटेल (Kashyap Patel) का नाम सीआईए प्रमुख के रूप में प्रमुख चर्चा में है।
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर व्हाइट हाउस में फिर से प्रवेश किया है। अब वह अपने नए मंत्रिमंडल और प्रशासनिक टीम की नियुक्ति पर विचार कर रहे हैं, जिसमें भारतवंशी कश्यप पटेल (Kashyap Patel) का नाम सीआईए प्रमुख के रूप में सामने आ रहा है।
कश्यप पटेल (Kashyap Patel) 44 वर्षीय भारतीय अमेरिकी हैं, जो ट्रंप के परम वफादार सहयोगी माने जाते हैं। उनका जन्म 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में गुजराती भारतीय माता-पिता के घर हुआ था, जिनके परिवार ने पूर्वी अफ्रीका से अमेरिका में प्रवास किया था। पटेल ने रिचमंड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाणपत्र हासिल किया।
पेटेल ने अपना करियर एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में शुरू किया और मियामी में संघीय और स्थानीय अदालतों में लगभग नौ साल तक काम किया। बाद में उन्होंने ट्रंप के प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी सलाहकार और कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पटेल को ट्रंप के प्रशासन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर काम करने का मौका मिला, जिसमें आईएसआईएस और अल-कायदा के प्रमुखों का सफाया और अमेरिकी बंधकों की रिहाई शामिल है। उन्हें ‘ट्रंप के लिए कुछ भी करने वाला’ माना जाता है, और हाल ही में संपन्न चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद पटेल की सीआईए प्रमुख के रूप में नियुक्ति की संभावना और बढ़ गई है।
पटेल (Kashyap Patel) की भूमिका और ट्रंप के विश्वास
पटेल ने 2019 में ट्रंप प्रशासन में शामिल होने के बाद तेजी से प्रमुख पदों तक पहुंच बनाई। ट्रंप के प्रशासन के अंतिम दिनों में, उन्होंने सीआईए का उप निदेशक बनने की योजना बनाई थी, हालांकि उस समय उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। ट्रंप ने पिछले साल युवा रिपब्लिकन के एक समारोह में उन्हें संदेश भेजा था, “तैयार हो जाओ, काश।”
अब, ट्रंप की जीत के बाद, कश्यप पटेल सीआईए प्रमुख बनने के लिए सबसे प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं