ढाई घाट पर शुरू हुआ कार्तिक पशु मेला : हरियाणा-राजस्थान से पहुंचे सैकड़ों व्यापारी, दो हजार से अधिक पशु पहुंचे

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शमशाबाद (फर्रुखाबाद): कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शमशाबाद ब्लॉक क्षेत्र के ढाई घाट पर पारंपरिक पशु मेला बुधवार से आरंभ हो गया। यह मेला आठ दिनों तक चलेगा, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों — विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से पशु व्यापारी और खरीदार बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।

ढाई घाट पर लगने वाला यह कार्तिक पशु मेला वर्षों पुरानी परंपरा का प्रतीक है। यह गंगा पुल के दूसरी ओर शाहजहांपुर की दिशा में आयोजित किया जाता है और इसे क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। मेले में अब तक करीब 2000 पशु पहुँच चुके हैं।

हरियाणा के दयाराम, जो इस बार पहली बार इस मेले में पहुंचे हैं, ने बताया कि वे 50 भैंसें लेकर आए हैं जिनकी कीमत ₹75,000 से ₹1.5 लाख रुपये तक है। उन्होंने बताया कि “यहां भैंसों की अच्छी मांग है, खासकर जिनके दाँतों में ‘मुर्रा’ होता है, वे ₹3 लाख रुपये तक में बिक जाती हैं।” उन्होंने कहा कि “इस मेले की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है और यहां हर पशु व्यापारी को अच्छा व्यापार मिलता है।”

मेले में लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, प्रयागराज और फतेहपुर जैसे जिलों से भी खरीदार पहुंचे हैं, जो भैंसों और बैलों की नस्ल, ताकत और दूध उत्पादन क्षमता देखकर सौदे कर रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन ने मेले के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की निगरानी शुरू कर दी है। ग्रामीणों और व्यापारियों में उत्साह का माहौल है और अनुमान है कि आने वाले दिनों में मेला अपने चरम पर पहुंच जाएगा, जब हजारों पशु खरीदे-बेचे जाएंगे।

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