बौद्ध कथा में तिलक व कलावा को गुलामी की निशानी बताने पर करणी सेना ने जताई आपत्ति, FIR की मांग को लेकर सौंपा प्रार्थना पत्र
फर्रुखाबाद (राजेपुर): ग्राम सलेमपुर (Village Salempur) में 12 जून से 16 जून 2025 के मध्य आयोजित एक बौद्ध कथा में कथित तौर पर सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का अपमान और धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोपों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। कथित रूप से कथा में रक्षा सूत्र (कलावा) और मस्तक पर लगाए जाने वाले तिलक को ‘गुलामी की निशानी’ कहा गया, जिससे हिंदू संगठनों (hindu organizations) में आक्रोश फैल गया।
इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में श्री राजपूत करणी सेना फर्रुखाबाद के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष कुँवर विनय प्रताप सिंह के नेतृत्व में राजेपुर थाने का घेराव कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। संगठन का कहना है कि कथा के माध्यम से सुनियोजित रूप से सनातन प्रतीकों का अपमान कर जनमानस को भ्रमित किया गया और धर्मांतरण के लिए मानसिक रूप से प्रेरित किया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में हिंदू महासभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष विमलेश मिश्रा, गौ रक्षा प्रमुख सचिन शर्मा, श्री राजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुशील सिंह चौहान, जिला प्रभारी अरविन्द चौहान, विधानसभा अध्यक्ष (अमृतपुर) राम प्रताप सिंह भानू, महामंत्री देवेंद्र सिंह, विधानसभा संयोजक वेदप्रकाश सिंह सहित कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त ग्रामीणों में भी आक्रोश देखा गया। बड़ी संख्या में ग्राम सलेमपुर के ग्रामीण—जिनमें नितेश मिश्रा, जीतू मिश्रा, ऋषि मिश्रा, राघवेन्द्र सिंह, पिंकू मास्टर प्रमुख रूप से शामिल थे—विरोध में थाने पहुंचे और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष कुँवर विनय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि “यह कोई साधारण कथा नहीं थी, बल्कि सुनियोजित साजिश के तहत सनातन धर्म के प्रतीकों, संस्कृति और विश्वासों को नीचा दिखाया गया। यदि समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।”
प्रदर्शनकारियों ने राजेपुर थानाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि आयोजनकर्ता व वक्ता पर IPC की धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए और भविष्य में इस तरह के आयोजनों पर प्रशासन सख्ती बरते। राजेपुर थाना प्रभारी ने बताया कि प्रकरण गंभीरता से संज्ञान में लिया गया है और दी गई तहरीर की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।