कंपिल: मां-बाप की परछाईं किशोरावस्था की शुरुआती डगर में ही सिर से उठ चुकी थी, लेकिन सपनों की उड़ान ने बेटे (son) को हारने नहीं दिया। किसान का बेटा ऋतिक मिश्रा कठिनाइयों से जूझते हुए भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट (lieutenant) बन गया। यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए संबल बनी बल्कि पूरे कंपिल क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण बन गई।
ऋतिक मिश्रा मूल रूप से थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर अगू के रहने वाले हैं और वर्तमान में नगर पंचायत कंपिल के मोहल्ला टीचर कॉलोनी में रहते हैं। वह स्वर्गीय लालाराम मिश्रा (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, जनता इंटर कॉलेज रशीदाबाद तिवारीयान) के पौत्र हैं।ऋतिक का चयन 28 अक्तूबर 2024 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हुआ था। उनकी ट्रेनिंग चेन्नई में पूरी हुई और 6 सितंबर 2025 को आयोजित कसम परेड में उन्होंने पद की शपथ ली। इस अवसर पर ताऊ शैलेश मिश्रा, चाचा मोनू मिश्रा और सोनू मिश्रा, बहन सौम्या मिश्रा तथा छोटे भाई कृष्णा मिश्रा चेन्नई पहुंचे।
परेड के बाद ताऊ ने भतीजे को कंधों पर बैठाकर सम्मान जताया और परिवार की आंखें खुशी से छलक उठीं।ऋतिक के पिता स्व. सुदेश मिश्रा गांव में रहकर खेती-बाड़ी करते थे, जिनका अप्रैल 2025 में निधन हो गया। उनकी मां स्व. मंजू मिश्रा का देहांत वर्ष 2023 में ही हो चुका था। माता-पिता की असमय मृत्यु ने परिवार को गहरे दुख में डाल दिया था, लेकिन ऋतिक की इस उपलब्धि ने उसी परिवार को गर्व और सम्मान की नयी ऊंचाई पर पहुँचा दिया।
शैक्षिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ऋतिक ने इंटर तक की पढ़ाई सी.पी. विद्या निकेतन कायमगंज से की, स्नातक छत्रपति शाहू जी विश्वविद्यालय कानपुर से और परास्नातक मद्रास से पूरा किया। मेहनत और लगन से पढ़ाई करने वाले ऋतिक ने साबित कर दिया कि कठिनाइयों के बावजूद सपनों को सच किया जा सकता है।लेफ्टिनेंट बनने के बाद से कंपिल क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है। लगातार लोग उनके कंपिल स्थित आवास पर बधाई देने पहुंच रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ऋतिक ने न केवल परिवार बल्कि पूरे जनपद का मान बढ़ाया है।
इस मौके पर ताऊ शैलेश मिश्रा ने गर्व भरे स्वर में कहा— “माता-पिता के न रहने से परिवार टूटा जरूर था, लेकिन ऋतिक ने आज हमें सिर ऊँचा करने का अवसर दिया है। यह खुशी शब्दों में बयान नहीं की जा सकती।”