– अकाउंटेंट से लेकर अधिशासी अधिकारी तक लिप्त—सरकारी धन का खुला बंदरबांट
– फर्जी आंकड़ों से भरते हैं फाइलें
फर्रुखाबाद/कमालगंज। कमालगंज नगरपालिका परिषद में भ्रष्टाचार की परतें अब एक-एक कर खुलने लगी हैं। यहाँ विकास कार्यों का सारा खेल कागजों पर रचा जा रहा है, जबकि ज़मीन पर हालात ज्यों के त्यों हैं। हैरानी की बात यह है कि इस खेल में सिर्फ छोटे कर्मचारी ही नहीं, बल्कि अकाउंटेंट से लेकर अधिशासी अधिकारी (EO) तक की संलिप्तता सामने आ रही है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में करीब ₹8.72 करोड़ रुपये विकास कार्यों के नाम पर खर्च दिखाए गए। कागजों में सीसी रोड, नालियों का निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति व्यवस्था और पार्कों के सौंदर्यीकरण जैसे दर्जनों कामों की सूची तैयार की गई, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर हैँ।
फर्जी बिलों के ज़रिए खरीदी गईं सफाई मशीनें और निर्माण सामग्री
नगरपालिका के वर्तमान अधिशासी अधिकारी (ईओ) द्वारा हर विकास कार्य पर “स्वीकृति” की मोहर लगाई गई, वहीं अकाउंटेंट द्वारा भुगतान व लेखा-जोखा में हेराफेरी के प्रमाण सामने आए हैं। आरोप है कि ठेकेदारों से सांठगांठ कर बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया।
कमालगंज के कई मोहल्ला स्टेशन रोड,और कई कॉलोनियों में अब भी जलभराव और गंदगी की समस्या बरकरार है। स्थानीय निवासी राजकुमार वर्मा का कहना है, “हर साल लाखों की स्कीमें आती हैं, लेकिन मोहल्ले की हालत देखिए, न सड़क बनी, न नाली। सब कुछ फाइलों में चमक रहा है।”
नगरवासियों ने नगर पालिका परिषद में चल रहे इस खुल्लमखुल्ला भ्रष्टाचार पर जिलाधिकारी व सतर्कता विभाग से उच्चस्तरीय जांच की माँग की है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो व्यापार मंडल, युवा संगठन और नागरिक मिलकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं।
यदि प्रशासन अब भी आँखें मूँदे बैठा रहा, तो यह भ्रष्टाचार का दलदल और गहराता जाएगा। कमालगंज नगरपालिका का यह मामला न सिर्फ जनधन की लूट है, बल्कि जनता के भरोसे का भी सीधा अपमान है।