– बाँसुरी वादन से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता, युवा वादक रुद्राक्ष पाठक को किया गया सम्मानित
फर्रुखाबाद। कला एवं साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संस्था ‘कलार्पण’ द्वारा रविवार को विश्व संगीत दिवस एवं संस्था के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विचार एवं संगीत गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम महादेव प्रसाद स्ट्रीट स्थित नटराज भवन में संपन्न हुआ, जिसमें कला, साहित्य और संगीत की त्रिवेणी माने जाने वाले आचार्य ओमप्रकाश मिश्र ‘कंचन’ को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्य अतिथि समाजसेवी संजय गर्ग, वरिष्ठ साहित्यकार राम अवतार शर्मा ‘इंदु’, राम मोहन शुक्ल, एवं डॉ. सर्वेश श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोकजीवन में संगीत के महत्व को रेखांकित करना तथा युवाओं को संगीत के प्रति प्रेरित करना रहा।
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति युवा बाँसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक ने दी, जिनकी बाँसुरी की मधुर ध्वनि ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने सभी को शांति, ऊर्जा और आत्मिक तृप्ति का अनुभव कराया।
रुद्राक्ष पाठक ने कहा –
“संगीत मात्र मनोरंजन का साधन नहीं, यह साधना का मार्ग है। ‘सा’ को धैर्यपूर्वक धारण कर जब कोई ‘नि’ तक पहुँचता है, तब वह निराकार ब्रह्म की प्राप्ति करता है।”
वरिष्ठ कवि राम अवतार शर्मा ‘इंदु’ ने आचार्य ओमप्रकाश मिश्र ‘कंचन’ को स्मरण करते हुए कहा कि वे न केवल एक महान संगीतज्ञ थे, बल्कि चित्रकार, साहित्यकार और नाटककार भी थे। उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद की ठुमरी और फर्रुखाबादी घराना आज विश्वप्रसिद्ध है, और इसकी जड़ें आचार्य कंचन जैसे गुणी कलाकारों की मेहनत से जुड़ी हैं।
युवा बाँसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक को उनकी संगीत साधना के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सर्वेश श्रीवास्तव ने अंत में सभी अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन गौरव पाण्डेय ने किया, जबकि संयोजन की भूमिका दिलीप कश्यप व राम मोहन शुक्ल ने निभाई।
इस अवसर पर अनेक साहित्यप्रेमी, कलाकार और गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से प्रियांशु पाण्डेय, विशाल श्रीवास्तव, गुड्डू अग्रवाल, अनुराग दीक्षित, नीरज शर्मा, राहुल वर्मा, मनोज कश्यप, संजीव वर्मा आदि शामिल रहे।