लखनऊ: पर्यावरण संरक्षण के प्रति बच्चों और युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य संग्रहालय, लखनऊ (Lucknow) और टर्टल सर्वाइवल एलायंस फाउंडेशन, इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में ‘जूनियर कंज़र्वेशनिस्ट नेचर कैंप’ (Junior Conservationist Nature Camp) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के माननीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की प्रेरणा तथा प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
कैंप के दूसरे दिन, 26 जून को प्रतिभागियों को लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस अवसर पर जिज्ञासा लैब की वरिष्ठ एसोसिएट डॉ. प्रीति उमराव ने वैज्ञानिक उपलब्धियों और शोध कार्यों की जानकारी देते हुए एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की। डॉ. उमराव ने बताया कि प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के प्रयासों के तहत कुकरैल, बंथरा, BBAU और अलीगंज जैसे क्षेत्रों की बंजर भूमि पर जापान की मियावाकी तकनीक का प्रयोग कर आर्टिफिशियल जंगल विकसित किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, उन्होंने हर्बल और नेचुरल प्रॉडक्ट्स के बीच अंतर को भी स्पष्ट किया। भ्रमण के दौरान संस्थान के हर्बेरियम में संरक्षित दुर्लभ पौधों का अवलोकन भी कराया गया। इसमें एशिया का सबसे बड़ा लायकेन्स संग्रह, भारत का सबसे बड़ा ब्रायोफाइट्स कलेक्शन, और लगभग 10,000 प्रजातियों के एंजियोस्पर्म संरक्षित हैं। यह भारत का सबसे बड़ा हर्बेरियम माना जाता है।
डॉ. विनय साहू, सीनियर टेक्निकल ऑफिसर ने प्रतिभागियों को पादप विज्ञान के विविध पहलुओं जैसे एंजियोस्पर्म, जिम्नोस्पर्म, ब्रायोफाइट्स, लायकेन्स, एल्गी, तथा मोनोकोट व डाइकोट पौधों के साथ-साथ उनके अंगों जैसे कैलिक्स, कोरोला, सीड, सीपल्स आदि की जानकारी विस्तारपूर्वक दी। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों ने जुरासिक गैलरी का भ्रमण कर उस काल के पौधों के विकास क्रम को जाना। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मकमल एवं भोजपत्र जैसी विशेष प्रजातियों के बारे में भी रोचक जानकारियाँ दी गईं। यह कैंप प्रतिभागियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को नजदीक से समझा और अनुभव किया।