जिला पंचायत कार्यालय में ठेकेदारों का हंगामा — एई और जेई को कमरे में बंद कर पीटा, सीसीटीवी -ड़ीवीआर गायब

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उन्नाव। जिले के जिला पंचायत कार्यालय में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब भुगतान को लेकर विवाद बढ़ने पर ठेकेदारों ने अभियंता और जूनियर अभियंता को कमरे में बंद कर पिटाई कर दी।
इस दौरान बीच-बचाव करने आए अन्य कर्मियों को भी पीटा गया। घटना के बाद कार्यालय के सीसीटीवी और ड़ीवीआर गायब पाए गए, जिससे साक्ष्य मिटाने की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, जिला पंचायत के कुछ ठेकेदार लंबित भुगतान की मांग को लेकर कार्यालय पहुंचे थे।
इस दौरान ऐ ई और जे ई से कहासुनी बढ़कर हिंसक झड़प में बदल गई।
आरोप है कि ठेकेदारों ने दोनों इंजीनियरों को कमरे में बंद कर मारपीट की और उनके मोबाइल छीन लिए।
मामले की सूचना मिलते ही अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने किसी तरह पीड़ितों को बाहर निकाला।
घटना के बाद जब पुलिस ने कार्यालय का निरीक्षण किया, तो सीसीटीवी कैमरे और ड़ीवीआर सिस्टम गायब मिले।
पुलिस का मानना है कि आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से ड़ीवीआर हटा दिया।
पीड़ित इंजीनियरों की तहरीर पर 6 ठेकेदारों के खिलाफ कोतवाली उन्नाव में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और जल्द गिरफ्तारी की बात कही है।
जिला पंचायत कार्यालय में ऐ ई और जे इ को कमरे में बंद कर पीटा गया।
ठेकेदारों पर हमला करने और साक्ष्य मिटाने का आरोप।
सीसीटीवी और ड़ी वी आर सिस्टम गायब मिला।
बीच-बचाव में अन्य कर्मचारी भी घायल हुए।
6 ठेकेदारों पर नामजद मुकदमा दर्ज, पुलिस जांच में जुटी।
जिला प्रशासन ने घटना को गंभीर अनुशासनहीनता और आपराधिक कृत्य बताया है।
> “कार्यालय में मारपीट और सरकारी कामकाज में बाधा डालना गंभीर अपराध है। सीसीटीवी गायब होना साक्ष्य मिटाने की कोशिश को दर्शाता है। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह दर्शाती है कि सरकारी कार्यालयों में दबाव और भ्रष्टाचार की संस्कृति किस हद तक हावी है।
भुगतान विवाद के नाम पर हिंसा और साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश प्रशासनिक तंत्र की गंभीर विफलता है।

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