फर्रुखाबाद(प्रशांत कटियार)। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन, उत्तर प्रदेश की जनपद फर्रुखाबाद शाखा की मासिक बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता शाखा अध्यक्ष इं. अजय कुमार सिंह ने की, जिसमें सभी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा पूर्वाचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण पर गहरा रोष व्यक्त किया। सदस्यों ने विभाग और उनके परिवार के भविष्य को बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
वक्ताओं ने कहा कि कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों की विश्वसनीयता संदिग्ध है। जुलाई 2024 में प्रस्तुत आंकड़ों में राजस्व वसूली, लाइन हानियां रोकने, बेहतर विद्युत आपूर्ति और बिलिंग दक्षता में उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख किया गया था। तीन-चार महीनों में विपरीत आंकड़े प्रस्तुत करना मात्र आंकड़ों की बाजीगरी है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था में जूनियर इंजीनियरों और विद्युत कर्मियों ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। देश भर में 30,000 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति इन्हीं कर्मियों द्वारा की गई थी। सदस्यों ने चेताया कि उड़ीसा मॉडल पर निजीकरण एक असफल प्रयोग है, जिससे विद्युत उपभोक्ता, किसान और आम जनमानस पर महंगी बिजली खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस प्रकार, बैठक में निजीकरण के खिलाफ एकजुटता और संघर्ष का स्पष्ट संदेश दिया गया।
इस सभा में मुख्य रूप से इं. विनोद कुमार (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), पूर्व उपाध्यक्ष इं. राकेश कुमार, इं मासूम अली,जनपद सचिव इं. रंजीत मौर्य, लेखा निरीक्षक इं. बृजेष कुशवाहा, वित्त सचिव इं. राधवराम पाण्डेय, उपाध्यक्ष इं. जावेद अहमद, प्रचार सचिव इं. अनिल गौतम, और संगठन सचिव इं. राम जनक सहित अन्य प्रमुख सदस्यों ने अपने विचार रखे।सभी सदस्यों ने निजीकरण के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि वे अपने परिवार और विभाग को बचाने के लिए संगठन के हर संघर्ष कार्यक्रम का समर्थन करेंगे। इस प्रकार, बैठक ने निजीकरण के खिलाफ एकजुटता और संगठन के संघर्ष को मजबूत करने का स्पष्ट संदेश दिया।