फर्रुखाबाद के लिए यह क्षण गर्व, भावुकता और उपलब्धि से भरा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को सम्मान दिलाने की दिशा में निरंतर सक्रिय वरिष्ठ अधिवक्ता एवं प्रख्यात साहित्यकार जवाहर सिंह गंगवार विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर मॉरीशस में आयोजित होने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन में भागीदारी करेंगे। इस वैश्विक मंच पर वे “हिंदी : राजभाषा से विश्व भाषा तक” विषय पर अपना शोध आलेख प्रस्तुत करेंगे।
यह प्रतिष्ठित आयोजन हिंदी प्रचारिणी सभा मॉरीशस, शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्रालय मॉरीशस तथा भारतीय उच्च आयोग मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में भारत, सिंगापुर, थाईलैंड, नीदरलैंड सहित अनेक देशों के विद्वान, साहित्यकार और भाषा विशेषज्ञ सहभागिता करेंगे।
जवाहर सिंह गंगवार को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने की खबर से जनपद के साहित्यकारों और हिंदी प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने विश्व पटल पर हिंदी सेवा के ऐसे मानदंड स्थापित किए हैं, जिनसे फर्रुखाबाद ही नहीं, पूरे देश का गौरव बढ़ा है।
गौरतलब है कि जवाहर सिंह गंगवार लंबे समय से साहित्य और भाषा सेवा के लिए समर्पित हैं। प्रबोधिका, अभिव्यंजना जैसी संस्थाओं के माध्यम से वे निरंतर हिंदी के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। उनके द्वारा संपादित कनौजी भाषा का शब्दकोश उनकी सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धियों में शुमार है। इसके अतिरिक्त उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो भाषा और संस्कृति के संरक्षण में मील का पत्थर मानी जाती हैं।
उनकी यह अंतरराष्ट्रीय सहभागिता केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि हिंदी की सामूहिक साधना का परिणाम है। मॉरीशस की धरती पर जब फर्रुखाबाद का एक साहित्यकार हिंदी की ताकत, उसकी यात्रा और उसके भविष्य पर बोलेगा, तो निश्चय ही विश्व मंच पर हिंदी और अधिक सशक्त होकर उभरेगी।
यह पल शब्दों से आगे का है—
यह हिंदी के सम्मान,
और फर्रुखाबाद के स्वाभिमान का क्षण है।

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