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Saturday, September 6, 2025

पंचायत चुनाव को लेकर जनसत्ता दल का बड़ा एलान, जिले में नए जिलाध्यक्ष की घोषणा 14 सितंबर को

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फर्रुखाबाद: आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat elections) को लेकर प्रदेश भर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। ऐसे में जनसत्ता दल (Jansatta Dal) लोकतांत्रिक पार्टी ने भी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने का एलान किया है। पार्टी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव को हल्के में नहीं ले रही और ज़मीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं।

फर्रुखाबाद शहर के आवास विकास स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के कानपुर मंडल अध्यक्ष देशराज सिंह सेंगर ने पार्टी की रणनीति और भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी एक जाति या वर्ग की नहीं, बल्कि सर्वसमाज की पार्टी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया (रघुराज प्रताप सिंह) सभी वर्गों के हित में कार्य कर रहे हैं और उन्हीं के नेतृत्व में पंचायत चुनाव में जनसत्ता दल दमदारी से भाग लेगा।

सम्मेलन के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि जिले में पार्टी के नए जिलाध्यक्ष के नाम का ऐलान आगामी 14 सितंबर को होने वाली पार्टी की समीक्षा बैठक में किया जाएगा। वर्तमान में पार्टी जिले में संगठनात्मक बदलावों की तैयारी कर रही है और नब्ज टटोलने का कार्य जोरों पर है। देशराज सेंगर ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी गंभीर है और अभी से संगठन को मज़बूत कर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा है। पार्टी के पास जमीनी कार्यकर्ताओं की फौज है और जनसमस्याओं को लेकर लगातार जन आंदोलन चलाए जा रहे हैं।

इस अवसर पर पार्टी संयोजक मनोज सिंह गौर, जेपी चौहान, राहुल परिहार, प्रदीप कुमार सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में पंचायत चुनाव में पार्टी को मज़बूत करने का संकल्प लिया।

कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए देशराज सेंगर ने कहा:

 

“हमारी पार्टी किसी एक जाति विशेष की नहीं है, बल्कि इसमें हर वर्ग का प्रतिनिधित्व है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया सभी समाजों की समस्याओं को उठाते हैं। हम पंचायत से लेकर विधानसभा तक, हर स्तर पर जनता की आवाज़ बनने को तैयार हैं।”

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आगामी पंचायत चुनाव जनसत्ता दल के लिए “सेमीफाइनल” की तरह होगा, जो 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की ज़मीनी पकड़ का आंकलन करेगा। अगर पार्टी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह बड़े राजनीतिक दलों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।

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