पंचकूला। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) को अब बड़ी राहत मिली है। जिला अदालत ने एसआईटी को पूरन कुमार का लैपटॉप हासिल करने की अनुमति दे दी है। पुलिस का कहना है कि परिवार के पास यह लैपटॉप मौजूद है और वह अब तक उसे सौंपने से बच रहा था। इसी को लेकर एसआईटी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, पूरन कुमार के परिवार की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत में कहा कि परिवार ने कभी लैपटॉप देने से इनकार नहीं किया था। बल्कि पुलिस खुद ही कुछ तकनीकी कारणों के चलते उसे नहीं ले रही थी। परिवार ने कहा कि वे लैपटॉप देने को तैयार हैं, लेकिन जांच के दौरान सीएफएसएल (केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) द्वारा की जाने वाली जांच की वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
परिवार ने यह भी मांग की है कि लैपटॉप में मौजूद निजी डाटा, खासकर पूरन कुमार की बेटियों की शिक्षा संबंधी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाए, ताकि किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो। वहीं, एसआईटी को उम्मीद है कि इस लैपटॉप से केस से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। टीम यह जांच करेगी कि मरने से पहले पूरन कुमार ने आत्महत्या नोट किन लोगों को भेजा था और क्या यह नोट वसीयत के साथ इसी लैपटॉप पर टाइप किए गए थे।
गौरतलब है कि सात अक्टूबर को हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पंचकूला के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आठ पन्नों के सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया समेत कई अधिकारियों पर जातीय उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। अब लैपटॉप की जांच से इस मामले में कई नए खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।






