कमालगंज। ब्लॉक के गांव दानमंडी में मनरेगा योजना के तहत हुए चकमार्ग निर्माण कार्य को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने के लिए श्रम विभाग के उपायुक्त महेंद्र कुमार सिंह और खंड विकास अधिकारी त्रिलोकचंद शर्मा मंगलवार को गांव पहुंचे। गांव निवासी सचिन दीक्षित ने दो अलग अलग स्थानों पर चकमार्ग पर बिना कार्य कराए कागजों में कार्य पूर्ण दिखाकर धन निकासी का आरोप लगाया था।
शिकायत में पहला स्थान इंद्रपाल की बगिया से दीनदयाल के बाग तक और दूसरा स्थान रामरूप के खेत से उदी नगला मोड़ तक बताया गया, जहां मिट्टी डालने का कार्य प्रस्तावित था।शिकायत मिलने के बाद प्रशासनिक टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। मौके पर पहुंचने के बाद अधिकारियों को दोनों ही स्थानों पर चकमार्ग पर मिट्टी डाली गई मिली। जांच के दौरान उपायुक्त ने शिकायतकर्ता सचिन दीक्षित को अपनी गाड़ी में बैठाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और प्रत्येक बिंदु पर चर्चा की।
मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण व मनरेगा मजदूर भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान राखी दीक्षित पत्नी अजय दीक्षित के समर्थन में खुलकर बयान दिए और कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत पूरी तरह झूठी और दुर्भावनापूर्ण है। ग्रामीणों का आरोप था कि विकास कार्यों में अड़ंगा डालने की नीयत से यह शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं दूसरी ओर, शिकायतकर्ता सचिन दीक्षित अपने आरोपों पर कायम रहे।
उन्होंने कहा कि कागजों में कार्य पहले ही दर्शा दिया गया था उनका कहना है कि यह सब कागजी हेराफेरी और भ्रष्टाचार का मामला है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
फिलहाल दोनों कार्यों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। अधिकारियों ने मौके की जांच रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजने की बात कही है। इस प्रकरण को लेकर पूरे गांव में चर्चा का माहौल बना हुआ है और निगाहें अब प्रशासनिक रिपोर्ट पर टिकी हैं।