– तहसीलदार के आदेश के बाद भी सरकारी कब्जे वाली जमीन पर खेती, रोकने पर लेखपाल को धमकी और हमला—पुलिस निगरानी में फसल, कोतवाल कर रहे जांच
मोहम्मदाबाद: थाना क्षेत्र के ग्राम बरारिख में कुर्क की गई सरकारी जमीन पर दबंगई से आलू (potatoes) की बुवाई किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। संबंधित लेखपाल (lekhpal) की तहरीर पर पुलिस ने शिवेंद्र पुत्र राम मोहन और सौरभ पुत्र प्रवीण चंद्र निवासीगढ़ बरारिख के खिलाफ कड़ा मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपी अनुपम दुबे के करीबी बताए जा रहे हैं, जिसके कारण प्रकरण राजनीतिक रूप से भी चर्चा में हैl
बरारिख निवासी अवधेश उर्फ भूरे पुत्र राजकिशोर दुबे पर
उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी गतिविधि निवारण अधिनियम 1986 की धारा 3(1) के तहत मुकदमा अपराध संख्या 17/2022 दर्ज है। इसी मुकदमे में उनकी भूमि गाटा संख्या 398, रकबा 0.161 हेक्टेयर को प्रशासन ने कुर्क किया था। इस कुर्क जमीन का अधिकृत प्रशासक तहसीलदार सदर को नियुक्त किया गया है। तहसीलदार ने लेखपाल विवेक कुमार पाल को सूचना दी कि कुर्क की गई जमीन पर शिवेंद्र और सौरभ द्वारा जबरन आलू की बुवाई कर दी गई है।
सूचना पर लेखपाल ने 20 नवंबर 2025 को दोपहर में मौके का निरीक्षण किया और पाया कि— कुर्क जमीन पर ताज़ा आलू बोया गया था, खेत में ट्रैक्टर के निशान और मजदूरों के काम करने के प्रमाण मिले। लेखपाल के शिकायती पत्र के अनुसार जब उन्होंने दोनों को रोकना चाहा तो शिवेंद्र और सौरभ ने दबाव बनाते हुए जमीन पर कब्जा छोड़ने के बदले पैसे की मांग की। लेखपाल द्वारा यह स्पष्ट करने पर कि जमीन के कस्टोडियन तहसीलदार हैं, दोनों आरोपियों ने उन्हें मारने–पीटने की कोशिश की।
जान से मारने की धमकी दी गई। सरकारी कार्य में खुलेआम बाधा डाली गई। घटना के बाद से पुलिस मौके पर बोई गई फसल की निगरानी कर रही है।कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला ने आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया है! कोतवाल विनोद कुमार शुक्ला स्वयं मामले की जांच अधिकारी हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार इस मामले में दर्ज दोनों आरोपी अनुपम दुबे के खासे करीबी माने जाते हैं।इसी कारण मामला प्रशासनिक हलकों में संवेदनशील माना जा रहा है।कुर्क की गई सरकारी जमीन पर कब्जा, दबंगई से बुवाई, लेखपाल से बलपूर्वक धमकी और सरकारी कार्य में बाधा—यह पूरा प्रकरण प्रशासन की सख्ती और कानून व्यवस्था की परीक्षा बनकर सामने आया है।


