लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय नर्स (International Nurses) दिवस मनाने की शुरूवात 1965 में इंटरनेशनल काउंसिल आफ नर्सेज ने की थी। जिसके बाद जनवरी 1974 में प्रत्येक वर्ष 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल जिन्हें आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनके सम्मान में जन्मदिन पर अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला था। उसी के क्रम में आज मंगलवार को लखनऊ के डॉ० राम मनोहर लोहिया (Dr. Ram Manohar Lohia) आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत नर्सिंग संवर्ग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह की शुरूआत द्वीप प्रज्वलित कर किया गया जिसका समापन 12 मई को होगा।
उक्त प्रोग्राम में संस्थान के निदेशक महोदय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महोदय एवं संस्थान के अन्य सम्मानित फैकल्टी सदस्य, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, संस्थान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ, अधिकारी एवं कर्मचारी, डॉ०रा०म० लो०आ०सं० भी उपस्थित रहें।
संस्थान के निदेशक महोदय प्रोफेसर सी०एम० सिंह द्वारा अपने अविभाषण में संस्थान में कार्यरत समस्त नर्सिंग संर्वग को अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह के अवसर पर बधाई दिया व मरीजों के देख-भाल में नर्सिंग के उत्तरदायित्वों को समझाया। इन्होने अपने संबोधन में संस्थान में कार्यरत समस्त नर्सिंग संर्वग को उनके कड़ी मेहनत एवं अथक परिश्रम के लिए सराहना की। इन्होने बताया कि हमें अपने संस्थान के रोगियों के साथ हमेशा उच्च दर्जे का व्यवहार बनाये रखना चाहिए है। इस अवसर पर निदेशक महोदय द्वारा निर्जलीकरण (जल ही जीवन है) होने के कारण, लक्षण एवं इसके उपचार से सम्बन्धित पेम्पलेट का विमोचन किया।
संस्थान की मुख्य नर्सिंग अधिकारी (सी०एन०ओ०) महोदया श्रीमती सुमन सिंह ने अपने अभिभाषण में समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए बताया कि नर्सों का एक रोगी के जीवन में काफी महत्व है। यूं भी कह सकते हैं कि हमे जिन्दा रखने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है वह मरीजों की देखभाल के लिए अपने सुख चैन त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करती हैं। उनके जज्बे को सलाम करनें के लिए 12 मई का दिन चुना गया है यह दिन दुनिया भर की नर्सों को समर्पित है।
डॉ० दीप्ती शुक्ला ने अपने अभिभाषण में समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए Holistic Nursing Care के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समग्र नर्सिंग न केवल बीमारियों का इलाज करने पर केंद्रित करता है बल्कि रोग को रोकने के तरीकों और रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण नर्स और रोगी के बीच एक मजबूत और सहानुभूति पूर्ण संबंध बनाने पर बल देता है, जिससे रोगी की सुरक्षित और समर्थित महसूस होता है। समग्र नर्सिंग में पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ ध्यान, योग, आहार संबंधी परामर्श और अन्य पूरक उपचारों को शामिल किया जा सकता है।
अन्त में कामिनी कपूर, एन०एस० एवं प्रीती शर्मा, एस०एन०ओ० ने प्रोग्राम में उपस्थित सभी गणमान्यों को धन्यवाद देते हुए अगले होने वाले साप्ताहिक कार्यक्रम में सभी को बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित किया।