– स्मार्ट पुलिस लाइन का सपना अधूरा, लाखों की सुरक्षा व्यवस्था कागजो की भेंट चढ़ी
फर्रुखाबाद। जिले की पुलिस व्यवस्था उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब कोतवाली परिसर से एक इंसास राइफल चोरी होने की सूचना ने हड़कंप मचा दिया । यह मामला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी खुला सबूत है। बताया जा रहा है कि इस मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है, उधर पुलिस लाइन को पूर्व में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से सीसीटीवी कैमरों से लेस कर स्मार्ट बनाने की योजना आई थी पूर्व एसपी विकास कुमार के कार्यकाल मे डेढ़ करोड़ अवमुक्त हुआ पैसा भी बंदरबाट हो गया और कैमरे सफ़ेद हाथी साबित हुए ।
हालांकि इस योजना के तहत लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे आज भी या तो लगे ही नहीं हैं, या जो लगे हैं वे टूटे-फूटे और निष्क्रिय हैं। “स्मार्ट पुलिस लाइन” का सपना आर आई की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। पुलिस लाइन परिसर में न तो पर्याप्त सफाई है, न ही निगरानी के पुख्ता इंतजाम।
इस लापरवाही की जड़ में नाम सामने आ रहा है — अभिचल पांडे, जिन पर पुलिस लाइन की जिम्मेदारी है। उनके कार्यकाल में न केवल निगरानी व्यवस्था चरमरा गई, बल्कि पूर्व मे थानों के मेंटेनेंस के नाम पर आया लाखों रुपये का बजट भी कागजो के हवाले हो गया। नतीजा— आज पुलिस लाइन बैसी ही है जैसी पहले थी ।
सूत्रों की मानें, तो लाइन कैंपस में गार्ड ड्यूटी, सुरक्षा रजिस्टर, और हथियारों की नियमित चेकिंग जैसी मूलभूत जिम्मेदारियों में घोर लापरवाही बरती जा रही थी। पुलिस के उच्चाधिकारी भी इस घटनाक्रम से खासे नाराज हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।
प्रश्न यह उठता है कि जब पुलिस लाइन जैसी सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह से हथियार चोरी हो सकते हैं, तो जिले की आम जनता कितनी सुरक्षित है?
इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है और अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।


