शेफाली-दीप्ति की चमक से रोशन हुआ फाइनल
ऋचा ने खेली ताबडतोड पाारी

यूथ इंडिया स्पोर्ट डेस्क
नवी मुंबई। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को खेले जा रहे विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से साउथ अफ्रीका के सामने 299 रनों का बड़ा लक्ष्य रखा। भारत की युवा बल्लेबाज़ शेफाली वर्मा ने 87 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जबकि दीप्ति शर्मा ने संयमित अंदाज़ में अर्धशतक लगाया और टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया।
भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस हारने के बाद भी आत्मविश्वास नहीं खोया। साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया, लेकिन यह फैसला उनके गेंदबाज़ों के लिए महंगा साबित हुआ। मुंबई की पिच बल्लेबाज़ों के लिए मददगार रही और भारतीय सलामी जोड़ी ने शुरुआत से ही दबदबा बना लिया।
पहले ओवर से ही शेफाली ने अपने आक्रामक तेवर दिखाए। उन्होंने खाका और डी क्लर्क की गेंदों पर बेखौफ होकर चौके लगाए। दूसरी ओर, स्मृति मंधाना ने धैर्यपूर्वक खेलते हुए स्ट्राइक रोटेट किया और टीम को स्थिर शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी की, जो फाइनल जैसी परिस्थिति में बेहद अहम रही।
मंधाना 45 रन बनाकर आउट हुईं, लेकिन शेफाली ने अपनी आक्रामकता बनाए रखी। उन्होंने मात्र 49 गेंदों में फिफ्टी पूरी की और फिर बड़े शॉट्स के साथ रनगति तेज़ रखी। उनकी 87 रनों की पारी में 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। जब वह आउट हुईं, तब तक भारत का स्कोर 170 के पार पहुंच चुका था। इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत और दीप्ति ने साझेदारी को आगे बढ़ाया। हालांकि हरमनप्रीत 20 रन बनाकर आउट हो गईं, लेकिन दीप्ति शर्मा ने एक छोर से पारी संभाली। उन्होंने समझदारी से खेलते हुए 53 गेंदों पर 58 रन बनाए और अंत तक क्रीज़ पर डटी रहीं। मिडिल ऑर्डर में ऋचा घोष ने तेज़तर्रार 34 रन बनाए। उन्होंने मात्र 24 गेंदों में दो छक्के और तीन चौके जड़े। ऋचा ने टीम की रनगति को बनाए रखा और आखऱिी ओवरों में दीप्ति के साथ मिलकर स्कोर को 298 तक पहुंचा दिया।
साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी इस मैच में बिखरी हुई नजऱ आई। आयाबोंगा खाका ने 10 ओवर में 58 रन देकर 3 विकेट झटके, जबकि डी क्लर्क, ट्रायोन और मलाबा को 1-1 सफलता मिली। फील्डिंग में कुछ झलकियां शानदार रहीं, लेकिन कई मौकों पर मिसफील्ड ने टीम की मुश्किलें बढ़ा दीं। भारत का स्कोर 298/7 पर रुकने के बाद दर्शकों में जोश चरम पर था। भारतीय खेमे में आत्मविश्वास झलक रहा था, क्योंकि गेंदबाज़ों के पास बचाव करने के लिए पर्याप्त रन थे। कप्तान हरमनप्रीत ने मैच के बीच में कहा था — हमने अपने प्लान के हिसाब से खेला है, अब सबकुछ गेंदबाज़ों के हाथ में है।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। तीसरे ओवर में रेणुका सिंह ठाकुर ने ताजमिन ब्रिट्ज़ को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद अनेके बॉश भी बिना खाता खोले एल्बीडब्ल्यू हो गईं। 10 ओवर तक साउथ अफ्रीका का स्कोर 55/2 था।
खबर लिखाने तक अफ्रीका का स्कोर १९ ओवर मे १०९ रनों पर २ विकेट था। अफ्रीकी कप्तान लौरा वोल्वार्ट ६० (४९) और सुने लुस २१ (२४) क्रिज पर डटी थीं और अफ्रीकी उम्मीदों को जगाये रहीं।
विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 में इस बार इतिहास बनना तय है। क्योंकि 25 साल बाद टूर्नामेंट को एक नया चैंपियन मिलने जा रहा है। इस बार भारत और साउथ अफ्रीका की टीमें खिताब के लिए आमने-सामने हैं — दोनों ही टीमें पहली बार यह सुनहरा मौका पाने के करीब हैं।
वर्ल्ड कप के 52 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब फाइनल में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में से कोई टीम मौजूद नहीं है। अब तक ऑस्ट्रेलिया सात बार और इंग्लैंड चार बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं, जिससे यह मुकाबला और भी ऐतिहासिक बन गया है। पिछली बार किसी नई टीम ने ट्रॉफी जीती थी साल 2000 में, जब न्यूज़ीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत महिला टीम ने तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले भारत 2005 और 2017 में फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन दोनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा। अब हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया अपने पहले आईसीसी खिताब को जीतने की कगार पर है।
दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका की महिला टीम पहली बार वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची है। अब तक उन्होंने कभी भी किसी भी फॉर्मेट में आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। कप्तान लौरा वोल्वार्ट की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया और अब वह इतिहास रचने से सिर्फ एक कदम दूर है। इस फाइनल का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि दोनों टीमें अब तक टी20 वर्ल्ड कप भी नहीं जीत सकी हैं। भारत 2020 में टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गया था, वहीं साउथ अफ्रीका 2023 में फाइनल तक पहुंचा, पर इंग्लैंड से हार झेलनी पड़ी। इसलिए इस बार दोनों के पास अपने क्रिकेट इतिहास में पहला आईसीसी खिताब दर्ज करने का सुनहरा मौका है।
आज जो भी टीम जीतेगी, वह इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगी। चाहे हरमनप्रीत कौर की ‘वीरांगनाएँ’ हों या लौरा वोल्वार्ट की ‘फाइटर्स’ — विमेंस क्रिकेट को 25 साल बाद नया वर्ल्ड चैंपियन मिलने जा रहा है।

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