मुरादाबाद। महाकुंभ के बाद अब बरसाना होली (Barsana Holi) मेले में गैर-हिंदुओं की एंट्री को लेकर उठ रही मांग पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लीग के संयुक्त सचिव मौलाना कौसर हयात खान ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे समाज में नफरत फैलाने वाला कदम बताया।
मौलाना कौसर हयात खान ने कहा कि यह विचारधारा समाज में विभाजन की भावना को बढ़ावा देती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “आसमान का थूका मुंह पर आता है। जिन्होंने नफरत का इजहार किया, उन्हें खुद ऊपर वाले ने दिखा दिया।”
उन्होंने इस संदर्भ में हाल ही में महाकुंभ में मची भगदड़ और प्राकृतिक आपदाओं का हवाला देते हुए कहा कि जब संकट आया, तब सबसे पहले मदद के लिए मुसलमान आगे आए।
मौलाना कौसर हयात ने कहा, “पहाड़ों पर त्रासदी आई थी, तब मुसलमानों ने बढ़-चढ़कर मदद की थी। जब कुंभ में भगदड़ मची, तो बताइए सबसे ज्यादा मदद किसने की? मस्जिदों के दरवाजे खुले, लोगों को पनाह दी गई, भूखों को खाना खिलाया गया, जरूरतमंदों को चादरें दी गईं।”
उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने कभी यह दावा नहीं किया कि वे कुंभ या बरसाना होली में जाएंगे, लेकिन जब किसी को जरूरत पड़ी, तो मुसलमानों ने बिना भेदभाव के मदद की।
मौलाना हयात ने आगे कहा, “जब लोग संकट में थे, तब न सरकार उनके काम आई, न ही पुलिस। अगर किसी ने मदद की, तो वह मुसलमान थे।” उन्होंने इस मुद्दे को नफरत फैलाने की साजिश करार देते हुए कहा कि यह देश की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ है।
बरसाना में होली मेले को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा गैर-हिंदुओं की एंट्री बैन करने की मांग उठाई गई थी। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। एक ओर जहां कुछ संगठन इसे धार्मिक आयोजन बताते हुए बाहरी लोगों की भागीदारी पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई सामाजिक संगठनों ने इसे भेदभावपूर्ण करार दिया है।