नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के साथ 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) निलंबित कर दिया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच सिंधु नदी प्रणाली के पानी के उपयोग को लेकर था, जिसमें पाकिस्तान को चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का पानी मिलता था।
अब भारतीय सरकार ने चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी की आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया है। भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बनाने और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संदर्भ में एक कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।
पानी का प्रवाह रोकने का निर्णय
भारत ने 65 साल से चले आ रहे इस समझौते का सस्पेंशन तब किया जब पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पहल्गाम में भारतीय सुरक्षाकर्मियों पर हमले के बाद हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे। बगलिहार बांध से पाकिस्तान जाने वाले पानी का प्रवाह फिलहाल रोक दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकता है, क्योंकि यह पानी सिंचाई और पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को 3 नदियों: चिनाब, झेलम और सिंधु का पानी मिलता है। बगलिहार बांध का निर्माण 2000 में किया गया था और यह चिनाब नदी पर स्थित है।
पाकिस्तान को बगलिहार से हर साल लगभग 450 क्यूसेक पानी मिलता था, जो अब रोक दिया गया है। भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान को चिढ़ाने के लिए है, बल्कि यह कड़ा संदेश देने के लिए भी है कि आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों पर हमलों को सहन नहीं किया जाएगा। यह पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर से एक अहम कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव बढ़ने की संभावना है।
इस घटनाक्रम से कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और भी खराब हो सकती है। भारत द्वारा उठाए गए इस कदम से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान भी हो सकता है, क्योंकि बगलिहार बांध से पानी की आपूर्ति पर रोक लगाने से सिंचाई और पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है।