नई दिल्ली: भारत सरकार (Government of India) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसने 7 मई को भारतीय सीमा पर किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों में नागरिक विमानों का उपयोग ढाल के रूप में किया। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी (Sophia Qureshi) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया और व्यावसायिक उड़ानों को सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया, जबकि भारतीय वायुसेना की प्रतिक्रिया से बचने के लिए इन विमानों को ढाल के रूप में तैनात किया गया।
कर्नल सोफिया ने कहा, “पाकिस्तान ने 7 मई की रात 8:30 बजे के आसपास लगभग 300 से 400 ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इनमें से अधिकांश ड्रोन तुर्की निर्मित ‘सोंगर’ और ‘असिसगार्ड’ मॉडल के थे, जो पाकिस्तान ने हाल ही में प्राप्त किए थे।”
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों को जानबूझकर उड़ने दिया, जबकि भारतीय वायुसेना की प्रतिक्रिया से बचने के लिए इन विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है, बल्कि यह नागरिकों की जान को भी खतरे में डालने वाला कृत्य है।” भारत ने इस हमले का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया, जिसमें पाकिस्तान के नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन में किसी भी नागरिक क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचा और यह पूरी तरह से आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से किया गया था। पाकिस्तान ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्थिति को शांत करने की अपील की है।