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Thursday, July 24, 2025

गुंडों का बढ़ता मनोबल और कानून व्यवस्था पर सवाल?

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– सोशल मीडिया पर झूठी बदनामी से कोई फर्क नहीं,जानते हैं,गुंडों पर लिखेंगे तो वो कीचड़ ही उछालेंगे
– हम जाति धर्म से ऊपर उठकर पत्रकारिता करते
– गुंडई नहीं होने देंगे,कानूनन जबाव देने में सक्षम हैं
– जाति के नाम पर समाज बांटना गलत
– हम जीरो टॉलरेंस और पूज्य संत योगी श्री आदित्यनाथ की मुहिम के अनुरागी
– जितना मामला खिचे,अच्छा स्वंम लेंगे महाराज संज्ञान
– थाने से चंद कदमों पर हमला, और प्रशासन मौन!

शरद कटियार

फ़र्रूख़ाबाद में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब वे थानों के पास भी खुलेआम वारदात करने से नहीं डरते। कुछ दिन पूर्व जहानगंज क्षेत्र में एक गैस एजेंसी संचालक पर रंगदारी और पंचायत चुनाव में भागीदारी न करने के कारण जानलेवा हमला किया गया। बताया जा रहा है कि हमलावर वही पुराने नामी गुंडे हैं जिनका समाजवादी पार्टी के दौर में ख़ासा प्रभाव था और अब वे सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा व अपना दल (एस) के साथ राजनीतिक आसरा पाकर फिर से सक्रिय हो गए हैं।ये बिल्कुल ग़लत है,की सूबे के मुख्यमंत्री की मुहिम को फ़र्रूख़ाबाद मे कुंद करने को कोशिश चंद लालच मेउनके ही अंग कर रहे,माफियाराज को हवा दे रहे,सरकार जिन गुंडों का सफाया कर रही,उन्हें सत्ता का लाभ पहुंचा पोषित किया जा रहा।माफिया अनुपम दुबे जैसे कुख्यात अपराधियों को अंदरखाने सहयोग दिया जा रहा।तीन साल से ज्यादा माफिया के ब्लॉक प्रमुख भाई के जेल जाने के बाद मोहम्दाबाद ब्लॉक प्रमुख की खाली कुर्सी पर चुनाव नहीं होने दिया गया,और विकास कार्यों का बंदरबाट हो रहा,थानों से लेकर ग्रामसभाओं और सरकारी राशन वितरण प्रणाली सहित राजस्व विभाग सरकारी निर्माण कार्यों सहित हर जगह दखलंदाजी सहित गांव गांव पार्टी बंदी कराना चिंता का विषय है।

राजनीतिक संरक्षण ने बढ़ाए हौसले

यह चिंता का विषय है कि अपराधी दल और नेता बदलते हैं, लेकिन उनका संरक्षण बना रहता है। पहले जिनका आतंक था, आज वे ही सत्ता की छांव में खुद को अजेय मान बैठे हैं। अपने सजातीय विधायक की छत्रछाया में यह गिरोह फिर से पनपने लगा है। यह स्थिति उस सामाजिक और राजनीतिक गिरावट की निशानी है, जो अपराधियों को संरक्षण देकर लोकतंत्र को कलंकित करती है।

सोशल मीडिया पर हमला, लेकिन क़लम नहीं झुकेगी

जब इस पूरी घटना को ‘यूथ इंडिया’ ने सबूतों सहित उजागर किया, तो सोशल मीडिया पर जातीय आधार पर गालियों और अशोभनीय भाषा का हमला शुरू हो गया। और साबित हुआ कि फ़र्रूख़ाबाद मे आज भी गुंडाराज कायम है,पुलिस प्रशासन इन सत्ताई गुंडों के आगे असहेज है, क्योंकि इनपर हाथ किसी और का नहीं सरकर के ही अंग का है।लेकिन हम डरने वालों में नहीं। न कभी अपराधी का समर्थन किया, न ही किसी धमकी से पीछे हटें। संविधान और कानून पर हमारा भरोसा अडिग है।कानून बिगाड़ने वालों को बेनकाब किया और हमारी ये मुहिम थमने वाली भी नहीं,हम पूज्य संत योगी श्री आदित्यनाथ जी के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं,पूरा मामला वो स्वंम देखेंगे।उनकी मुहिम को ही हमने धार दी,अगर आज उस मुहिम पर एक दो ठाकुर या कटियार जाति के गुंडे नामित हो गए तो मिर्ची लगती रहे,गुंडे गुंडे होते हैं उनकी कोई जाति नहीं होती। हम जाति धर्म से ऊपर उठकर पत्रकारिता करते हैं,और झूठी बदनामी से भी नहीं डरते,जानते हैं ,जब गंदगी साफ करने का काम करेंगे तो कीचड तो हमारे उपर फेका ही जाएगा।लेकिन गुंडई के खिलाफ आवाज बुलंद रहेगी।

विधायक के लिए चेतावनी का संकेत

चिंता का विषय यह भी है कि इस पूरे मामले में न भोजपुर विधायक नागेंद्र सिंह ने न कोई बयान दिया और न ही जनता या प्रबुद्ध लोग उनके समर्थन में दिखे। वहीं, उनका सजातीय चेला चुटभैया नेता इस अवसर को राजनीतिक लाभ में बदलता दिखाई दिया। यदि स्थिति यूं ही रही, तो विधायक की ही अगली पारी कठिन होनी तय है। जनता सब देख रही है, और समय पर निर्णय भी लेगी।

गुंडों की कोई जाति या धर्म नहीं होता

हमारा स्पष्ट मानना है कि अपराधी की न कोई जाति होती है और न ही कोई धर्म। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है और उसकी जगह जेल होती है, ना कि सत्ता के गलियारों में। हम हर धमकी का कानूनन तरीके से जवाब देंगे और यदि कुछ गलत हुआ, तो इसके ज़िम्मेदार विधायक ही होंगे।
समाज को गुंडागर्दी नहीं, विकास और न्याय चाहिए। अब वक्त है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि जागें, वरना जनता को जवाब देने के लिए तैयार रहें।

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