अमृतपुर: कस्बा में आयोजित रामलीला (Ramlila) में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लीलाओं ने श्रद्धालुओं को भक्ति और भावनाओं में पूरी तरह डुबो दिया। मंचन में भगवान श्रीराम (Lord Rama) भक्त सबरी के आश्रम पहुंचे, जहां सबरी ने अपने झूठे बेर प्रेमपूर्वक प्रभु को अर्पित किए। भगवान श्रीराम ने उन्हें स्नेहपूर्वक खाकर जाति-पांति और ऊँच-नीच के भेद मिटाने का अमर संदेश दिया।
राम–सुग्रीव मित्रता के प्रसंग ने दर्शकों को सच्चे संबंधों और मित्रता की महत्ता का बोध कराया। मंच पर प्रस्तुत इस प्रसंग में यह दिखाया गया कि भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता पूरी तरह निष्ठा, समर्पण और विश्वास पर आधारित थी। कलाकारों ने दर्शकों को यह संदेश दिया कि कलियुग में लोग अक्सर स्वार्थ के लिए मित्रता करते हैं, जबकि सच्ची मित्रता वही है जो निस्वार्थ भाव और सच्चाई पर आधारित हो, जैसे भगवान राम–सुग्रीव या श्रीकृष्ण–सुदामा का संबंध।
रामलीला के इन प्रसंगों ने न केवल श्रद्धालुओं को भावविभोर किया, बल्कि समाज को समानता, निस्वार्थ मित्रता और मानवता का अमूल्य संदेश भी दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोग इन शिक्षाओं से प्रभावित होकर मानवीय मूल्यों को अपनाने का संकल्प भी लेने लगे।


