उरई,जालौन: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) जैसे पवित्र पर्व को बालमन में आत्मीयता और सृजनशीलता के साथ संजोने के उद्देश्य से प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा (primary school Amkheda) में एक विशेष गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसमें नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी बहनों के लिए रक्षा सूत्र (राखी) स्वयं अपने हाथों से बनाए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विपिन उपाध्याय ने जानकारी दी कि इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को रक्षाबंधन पर्व के सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही, उन्हें प्रेरित किया गया कि वे अपनी बहनों के लिए खुद रक्षा सूत्र बनाएं और यह बताएं कि इस बार की राखी उन्होंने अपने हाथों से स्नेहपूर्वक बनाई है। इससे भाई-बहन के रिश्ते में आत्मीयता और प्रेम की गहराई बढ़ेगी।
विद्यालय की शिक्षिका सविता कुशवाहा ने बताया कि इस गतिविधि से बच्चों में न केवल रचनात्मकता और सामूहिकता की भावना का विकास हुआ, बल्कि उनमें आपसी प्रेम और सद्भाव का भाव भी प्रबल हुआ। वहीं शिक्षिका अन्नू गुप्ता ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की राखियां बनाने में मार्गदर्शन दिया और रक्षाबंधन से जुड़ी कई रोचक एवं प्रेरणादायक कहानियाँ भी सुनाईं।
रक्षा सूत्र निर्माण के दौरान बच्चों के चेहरे पर उल्लास और उत्साह देखते ही बनता था। यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए एक रचनात्मक अभ्यास रहा, बल्कि उनके मन में भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों के प्रति सम्मान और समझ को भी प्रगाढ़ करने वाला सिद्ध हुआ।