नई दिल्ली। पाकिस्तान से हिंदुओं का एक ग्रुप भारत पहुंचा, जो अपने साथ 400 कलश लेकर आया है। इनमें मृतक हिंदुओं की अस्थियां (Immerse Ashes) हैं, जिन्हें हरिद्वार में गंगा के पवित्र जल में विसर्जित किया जाएगा। कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर और श्मशान घाट के मुख्य सेवक रामनाथ मिश्रा अस्थियों को लेकर तर्पण करने के लिए भारत आए हैं। दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान को तर्पण कहा जाता है।
महाकुंभ नगर के सेक्टर 24 में अपनी मां, पत्नी, बेटे, दो बेटियों और एक भतीजे के साथ रह रहे रामनाथ ने 10 फरवरी को अपने नौ साल के बेटे का जनेऊ संस्कार किया।
हरिद्वार में होगा अस्थि विसर्जन
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रामनाथ मिश्रा ने बताया, “इसके बाद मैं संगम गया, पूजा-अर्चना की और पूरे परिवार के साथ डुबकी लगाई। अब हम 22 फरवरी को सती घाट पर अस्थियां विसर्जित करने के लिए दिल्ली होते हुए हरिद्वार जाएंगे।”
उन्होंने आगे बताया कि वह संगम का पवित्र जल लेकर दिल्ली जाएंगे, जहां 21 फरवरी को निगम बोध घाट पर अस्थि कलशों की इसी पवित्र जल से पूजा की जाएगी। अस्थियों पर संगम का जल छिड़कने के बाद दिल्ली से हरिद्वार तक रथ यात्रा निकाली जाएगी और 22 फरवरी को हरिद्वार के सती घाट पर 100 लीटर दूध की धारा में अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
रामनाथ ने बताया कि कराची के श्मशान घाट का भी जीर्णोद्धार किया गया है, जहां अब एक साथ 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। श्मशान घाट पर अस्थियों को रखने के लिए एक ढांचा भी बनाया गया है, जहां पिछले सात-आठ सालों में 400 हिंदुओं की अस्थियां एकत्र की गई थीं। अब जब उन्हें भारत आने का वीजा मिल गया है, तो वे सभी अस्थियों को लेकर तर्पण करने आए हैं।
‘प्रयागराज के रहने वाले थे पूर्वज’
रामनाथ मिश्रा ने दावा किया कि उनके पूर्वज सदियों से पंचमुखी हनुमान मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज प्रयागराज के चकिया गांव से थे लेकिन इतने दिनों से दूर रहने की वजह से अब यहां किसी से कोई संपर्क नहीं रह गया है। वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने का मौका मिला है।
कराची में इकलौते मिश्रा परिवार होने का दावा करने वाले रामनाथ मिश्रा, नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ उत्तर प्रदेश के लखनऊ के लिए वीज़ा मिला है। फिर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को मैसेज दिया और मुख्यमंत्री ने प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा और अयोध्या समेत यूपी के कुल चार शहरों के लिए उन्हें वीज़ा दिलवाया।
रामनाथ मिश्रा ने कहा, “1947 के बाद से यह सिर्फ तीसरी बार है, जब कोई हिंदू ग्रुप अस्थि विसर्जन के लिए भारत आया है।”