फर्रुखाबाद: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ओमनिवास जटवारा जदीद सेवाकेंद्र में विश्व साक्षरता दिवस (world literacy day) पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शोभा कहा कि साक्षरता दिवस का उद्देश्य “विश्व में शिक्षा (education) के महत्व” से परिचित कराना है। उन्होने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षाओं पर चर्चा करनी चाहिए ताकि हर एक अपने संस्था एवं समुदाय को साक्षरता का उपहार दें।
आध्यात्मिक भौतिक पुस्तकों को अगली बदली कर ध्यान पूर्वक पाठ पढ़कर दूसरों को भी प्रेरित करें। अपने दिमाग को सशक्त बनाएं,अपना जीवन बदले ताकि दुनिया भर के लोगों में साक्षरता पैदा करे,करुणा-दया और शांति का पाठ पढ़े, तब हम साक्षर माने जाएंगे, साक्षरता केवल पढ़ना लिखना ही नहीं बल्कि पढ़ लिखकर उसको अपने जीवन रूपी शैली में अमल करना, भाषण देना गरीब बस्तियों में जाकर शिक्षा का अलख जगाना यह प्रयास तो दुनिया भर में किया जा रहा है परंतु जीवन जीने की कला ना कोई सीख रहा है और ना ही सिखाए जा रहे हैं, बुरी संगत का असर छोड़ अच्छे बुरे की पहचान करें, हर घर स्वर्ग जैसा मंदिर बन जाए वही सही मायने में साक्षर है, हम संकल्प करें कि छोटी-छोटी बातों से पहले अपने से शुरुआत करने की कोशिश करेंश।
ज्ञान के प्रकाश से कोई भी वंचित न रहे,इस बात का सभी को एहसास कराएं की शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है। इस मोटे पर एकता बहन ने कहा कि आप किसी गरीब बच्चों को पढ़ाये या तो कोई छोटा सा समूह बनाकर उनकी स्कूल जाने की व्यवस्था करें अपना कुछ वक्त निकाल कर लोगों को साक्षर बनाने की प्रेरणा स्रोत बने,ताकि छोटे से प्रयास से कइयों के जीवन से अंधकार समाप्त हो ज्ञान का दीपक जला सकते हैं।
भाई गंगासिंह ने कहा कि शिक्षा रोजगार या पैसेके लिए नहीं, शिक्षा खुद के विकास के लिए जरूरी है।,पूनम बहन ने कहा कि साक्षरता दिवस शिक्षा की जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें सही शिक्षा के संस्कार देना भी जरूरी है। शिक्षा को रुपए कमाने का जरिया न मानकर सही और योग्य नैतिक शिक्षा के संस्कारों वाले समाज का निर्माण करने में अपनी अहम भूमिका निभाएं। प्रदान करें,सभी दीदियों ने इस मौके पर लिखने पढने का अभ्यास कराया भी कराया गया।


