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Wednesday, June 18, 2025

अवैध खनन फिर बूम पर: दिन-दहाड़े चल रही जेसीबी, प्रशासन बना मौन दर्शक

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फर्रुखाबाद। जिले में अवैध खनन का कारोबार एक बार फिर तेज़ी से फल-फूल रहा है, और इस बार दिन के उजाले में ही जेसीबी मशीनों से मिट्टी व बालू की खुदाई कराई जा रही है। ग्रामीण इलाकों में जिस तरह से खनन माफिया सक्रिय हैं, उससे न सिर्फ़ पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुँच रही है, बल्कि स्थानीय जनता की जीवनदायी ज़मीनें भी तबाह हो रही है।
जानकारी के अनुसार, कायमगंज, कंपिल, नवाबगंज, मऊदरवाजा व अमृतपुर क्षेत्र में कई स्थानों पर नदियों के किनारे और निजी खेतों में अवैध रूप से मिट्टी और बालू की खुदाई दिन-दहाड़े की जा रही है। खनन माफिया जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए बिना किसी परमिट के यह कार्य खुलेआम कर रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत करने वालों के मोबाइल नंबर तक खनन माफियाओं को लीक कर दिए जाते हैं, जिससे उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि यह पूरा अवैध कारोबार एक संगठित रैकेट के रूप में चल रहा है, जिसमें प्रशासनिक चुप्पी कहीं न कहीं ‘हिस्सेदारी’ की ओर इशारा करती है।

जो लोग आवाज़ उठाते हैं, उन्हें ही चुप कराने की कोशिश होती है। किसी को फोन जाता है, किसी को धमकी मिलती है। — यह कहना है अमृतपुर क्षेत्र के एक किसान का, जिसने नाम न छापने की शर्त पर बात की।

पर्यावरणविदों का कहना है कि इस तरह की अनियंत्रित खुदाई से भूगर्भ जलस्तर नीचे गिरता है, और जल संचयन की क्षमता घटती है। गांवों की जमीनें गहरे गड्ढों में तब्दील हो रही हैं, जिससे आवागमन के रास्ते भी अवरुद्ध हो रहे हैं। कई स्थानों पर दुर्घटनाओं की आशंका भी लगातार बनी हुई है।

इस अवैध खनन से परेशान ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वे सड़क पर उतरकर सामूहिक आंदोलन करेंगे।

“अब हम चुप नहीं बैठेंगे। प्रशासन ने अगर खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं की, तो गांव-गांव से लोग आकर ब्लॉक और तहसील मुख्यालय का घेराव करेंगे।” — यह चेतावनी सिगन्तुईया क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से सामने आई है।

खनन रोकने की जिम्मेदारी खनन निरीक्षक, एसडीएम, और स्थानीय थाना पुलिस की होती है। लेकिन जब उनसे इस बाबत सवाल पूछा जाता है, तो जवाब में या तो मौन मिलता है या जाँच की औपचारिकता।

सवाल यह है कि जब सोशल मीडिया और चश्मदीद वीडियो में खुदाई साफ़ दिख रही है, तो प्रशासन कब जागेगा?
खनन माफिया और अधिकारियों की कथित मिलीभगत ने फर्रुखाबाद की मिट्टी को निचोड़ना शुरू कर दिया है। यह सिर्फ़ भूगोल की नहीं, भविष्य की भी खुदाई है — और अगर वक्त रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अवैध खनन जनआक्रोश का कारण बन सकता है।

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