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Tuesday, September 9, 2025

औद्योगिक नीति 2017 पर आईआईए का भुगतान और संशोधन की मांग

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मुख्य सचिव विजय किरण आनंद ने दिए सकारात्मक संकेत

– सूक्ष्म इकाइयों को चमड़ा नीति में लाभ देने की सिफारिश
– खाद्य उद्योग को सब्सिडी और मंडी शुल्क में राहत की मांग
– गोरखपुर GIDA शुल्क विवाद पर जल्द समाधान का भरोसा

लखनऊ: इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) ने गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) द्वारा लगाए जा रहे विवादित पुनः जीविकरण शुल्क का मामला उठाया और इस बाबत एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ उपाध्यक्ष (Delegation Senior Vice President) आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद, आईएएस से लखनऊ स्थित उनके कार्यालय में भेंटवार्ता की। जिस पर सीईओ ने शीघ्र समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों से वार्ता का आश्वासन दिया।

ओडीओपी और टूरिज्म इंडस्ट्री को समान रूप से सुविधाएं प्रदान करने के प्रस्ताव पर भी गहन चर्चा हुई। वर्ष 2017 की औद्योगिक नीति के तहत कानपुर जनपद में स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति की लंबित फाइलों पर विशेष ध्यान देते हुए सीईओ ने भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही भुगतान की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।

सीईओ ने एमएसएमई नीति 2017 के तहत इनसेंटिव के लंबित मामलों पर पालिसी में संशोधन कर अर्ह इकाइयों को भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कार्यवाही का भरोसा दिया गया। चमड़ा एवं जूता उद्योग नीति 2025 में न्यूनतम निवेश की सीमा 50 करोड़ होने से सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को योजना से वंचित होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आईआईए ने निवेश सीमा में कटौती का सुझाव दिया, जिस पर सकारात्मक विचार करने की बात कही गई।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, चावल और रोलर आटा मिलों के लिए मंडी शुल्क में छूट और पूंजीगत सब्सिडी की आवश्यकता को भी प्रमुखता से रखा गया। गुड़ और खंडसारी उद्योग से जुड़ी इकाइयों के लिए मंडी शुल्क समाधान योजना की अधिसूचना जल्द जारी करने की अपील की गई। आईआईए ने एमएसएमई इकाइयों के लिए ओपन एक्सेस कनेक्शन की सीमा को 100 किलोवाट निर्धारित करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त उद्योगों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को साझा करते हुए शीघ्र समाधान और एमएसएमई से जुड़े मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु सरल और पारदर्शी प्रक्रिया लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

सीईओ इन्वेस्ट यूपी ने आईआईए के सभी प्रस्तावों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि सभी मुद्दों पर गहन विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही पुनः बैठक आयोजित कर कार्यवाही की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में इन्वेस्ट यूपी के एसीईओ शशांक चौधरी, आईएएस, आईआईए के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश कुमार अग्रवाल और कानपुर डिविजनल चेयरमैन दिनेश बरसिया भी उपस्थित रहे।

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