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Monday, October 27, 2025

बिजली समस्या को नजरअंदाज कर कानों में तेल डालकर सो गए जनप्रतिनिधि और अधिकारी

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अमृतपुर/फर्रुखाबाद: यूँ तो गंगा पार क्षेत्र के सैकड़ो गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न है। जहां तबाही का मंजर कोसों दूर से दिखाई देता है। यहां के वाशिन्दे बाढ़ की समस्या को लेकर परेशान हैं और अब इस परेशानी में चार चांद लगाते हुए बिजली विभाग (electricity department) ने भी कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। 14 अगस्त से लगातार बिजली की सप्लाई गंगा पार क्षेत्र में ढुल मुल रवैया अपनाये हुए हैं। 15 दिनों से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी गंगा पार क्षेत्र के चारों विद्युत उपकेंद्र (power substation) बंद चल रहे हैं। बाढ़ के पानी को लेकर इस सप्लाई को रोका गया। जबकि दशकों से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र होने के चलते कभी भी अमृतपुर क्षेत्र की विद्युत सप्लाई नहीं रोकी गई।

सन 2010 की भयानक बाढ़ में भी अमृतपुर क्षेत्र की विद्युत सप्लाई चालू रही। लेकिन इस बार अधिकारियों की बेरुखी को लेकर जनता कराह उठी है। शाम ढलते ही इस क्षेत्र में बाढ़ को लेकर जहरीले कीड़े मकोड़े इधर-उधर घूमने लगते हैं। घरों में अंधेरा रहता है। गर्मी में लोग बेहाल हो जाते हैं। उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं। ई रिक्शा चालक बेरोजगार हो चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर ताले पड़े हैं। मोबाइल और बिजली से चलने वाले उपकरण शोपीस बन चुके हैं।

जिला के आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि कानों में तेल डालकर गहरी नींद में सो चुके हैं। अब इन्हें जनता के दुख की आवाज सुनाई नहीं देती। यही जनप्रतिनिधि चुनाव के समय दरवाजे दरवाजे पर पहुंचकर विकास कार्यों को लेकर आनेको वादे करते हैं। आज उनकी बेरुखी इस बात की ओर संकेत करती है कि यह सिर्फ अपना ही भला सोचते हैं। इन्हें जनता के दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं। अगर बिजली विभाग पर सही ढंग से कार्य करने का दबाव बनाया जाए तो अमृतपुर क्षेत्र एवं जिन स्थानों पर पानी नहीं है वहां तक विद्युत सप्लाई चालू की जा सकती है। लेकिन यह अधिकारी और जनप्रतिनिधि एयर कंडीशन में रहते हैं तो इन्हें बाढ़ पीड़ित क्षेत्र की जनता जो बिजली से जूझ रही है उनकी आवाज सुनाई नहीं देती।

14 अगस्त से 18 अगस्त तक विद्युत सप्लाई बिल्कुल बंद रही और उसके बाद इस विभाग ने नया नियम लागू कर दिया। जो कि रात के 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सप्लाई देना सुनिश्चित हुआ। लेकिन अपने इस नियम पर भी यह विभाग कायम नहीं रह पाया। क्योंकि रात में सप्लाई के समय अनेको फॉल्ट होते हैं और फिर बिजली सप्लाई बंद हो जाती है। ऐसी स्थिति में अब इस क्षेत्र को सप्लाई बिल्कुल नहीं मिल पा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बिजली उपभोक्ताओं के सब्र का बांध टूट जाएगा और किसी भी समय उपभोक्ता सड़कों पर खड़ा होकर अपनी समस्या की आवाज उठाने लगेगा।

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