पीलीभीत: टाइगर रिजर्व (tiger reserve) द्वारा चलाया जा रहा “बाघ एक्सप्रेस” (Tiger Express) जागरूकता अभियान आज खरगापुर, रामपुरिया महोफ और रूपपुर गांवों में पहुंचा। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-wildlife conflict) की रोकथाम तथा सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देना है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में चलाया जा रहा है जहाँ वन्यजीवों की उपस्थिति के कारण मानव संघर्ष की संभावनाएँ अधिक होती हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को वन्यजीवों के व्यवहार को समझाने और उनसे बचाव के तरीकों की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। टीएसए फाउंडेशन इंडिया के एजुकेशन ऑफिसर हर्षित सिंह ने बताया कि “बाघ एक्सप्रेस” ने स्थानीय स्कूलों और गांवों में जाकर बच्चों और ग्रामीणों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जैसे: बाघ का सामना होने पर घबराएं नहीं और तेजी से भागने की कोशिश न करें।
बाघ से आँख मिलाते हुए धीरे-धीरे पीछे हटें, लेकिन पीठ न दिखाएं। जंगल में अकेले न जाएं। बंदर, हिरण, पक्षियों जैसे अन्य जानवरों के संकेतों पर ध्यान दें जो बाघ की मौजूदगी का संकेत हो सकते हैं।सुबह और शाम के समय जंगल या बफर जोन में जाने से बचें।
इस दौरान नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से भी मानव-बाघ सह-अस्तित्व पर संदेश दिए गए। कलाकारों ने नाटक के जरिए ग्रामीणों को बताया कि कैसे सतर्कता और सही जानकारी से संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सकता है। कार्यक्रम में वन दरोगा शंकर सिंह, फॉरेस्ट गार्ड फहीम ,राकेश आदि टाइगर रिजर्व की टीम उपस्थित रहीं।