– धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर करते थे ब्रेनवॉश,
– 50 हजार में की जाती थी मासूमों की सौदेबाजी
लखनऊ: राजधानी लखनऊ (Lucknow) में मानव तस्करी के एक सक्रिय गिरोह (Human trafficking gang) का सनसनीखेज भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस गैंग से जुड़े दो तस्करों को गिरफ्तार (smugglers arrested) किया है और उनके कब्जे से दो नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित बरामद किया है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह गिरोह अब तक 15 से अधिक नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका मानसिक रूप से शोषण कर चुका है, और उन्हें 50 हजार रुपये में बेच दिया जाता था। गिरोह के द्वारा खास तौर पर धार्मिक आस्था रखने वाली, भोली-भाली लड़कियों को निशाना बनाया जाता था।
ऐसा ही एक मामला 30 जून को सामने आया जब कृष्णानगर थाना क्षेत्र से 16 वर्षीय किशोरी लापता हो गई। यह लड़की वृंदावन के एक प्रसिद्ध संत की भक्त थी और उसी से मिलने के लिए घर से निकली थी। चारबाग रेलवे स्टेशन पर उसे अकेला देखकर आरोपी संतोष साहू ने बातचीत शुरू की और भरोसा दिलाया कि वह उसे संत से मिलवाएगा। इसके बाद उसने लड़की को अपने कब्जे में लेकर कथित रूप से 50 हजार रुपये में बेच दिया।
सूचना मिलते ही लखनऊ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके चंगुल से दो नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। पीड़िताओं की काउंसलिंग की जा रही है और बाल कल्याण समिति को जानकारी दी गई है।
डीसीपी दक्षिण, निपुण अग्रवाल के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अब तक वे 15 से ज्यादा लड़कियों को इसी तरह बहला-फुसलाकर राजस्थान और हरियाणा भेज चुके हैं, जहां उनका उपयोग जबरन विवाह और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए किया गया। पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुट गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह तस्करी नेटवर्क अंतरराज्यीय स्तर पर फैला हुआ हो सकता है। पुलिस साइबर निगरानी और अन्य तकनीकी सहायता के माध्यम से इस मामले को गहराई से खंगाल रही है।
यह मामला केवल अपराध का नहीं, बल्कि हमारे समाज में भरोसे, आस्था और मासूमियत के दोहन की एक भयावह तस्वीर है। पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन आवश्यकता है कि समाज भी सजग हो और ऐसे अपराधों के खिलाफ समय रहते आवाज उठाए।