– राज्यपाल की मंजूरी के बाद शासनादेश जारी, इसी सत्र से लागू होगी नई फीस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यूपी सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की स्कूल फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ी हुई फीस सभी राजकीय और सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में लागू की जाएगी। शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय राज्यपाल महोदया की मंजूरी के बाद लिया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से इसी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू किया जाएगा।
शासनादेश के मुताबिक, अभी तक इन कक्षाओं में सालाना फीस 25 से 35 रुपये के बीच थी। लेकिन अब इसे कई गुना बढ़ा दिया गया है। जानकारी के अनुसार, कक्षा 9 और 10 की फीस लगभग 75 से 80 रुपये तक और कक्षा 11 और 12 की फीस 100 रुपये तक पहुंच सकती है। इस प्रकार फीस में 180% से लेकर 200% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
फीस वृद्धि की खबर सामने आते ही छात्रों, अभिभावकों और शिक्षक संगठनों में रोष फैल गया है। उनका कहना है कि जहां एक ओर सरकार ‘सबको शिक्षा’ और ‘निःशुल्क शिक्षा’ की बातें कर रही है, वहीं दूसरी ओर फीस बढ़ाकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है।
शासन के सूत्रों के अनुसार, फीस में यह बढ़ोतरी लंबे समय से लंबित थी और विद्यालयों के रखरखाव, परीक्षा संचालन और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के उद्देश्य से की गई है।
संभावना जताई जा रही है कि छात्र संगठन और शिक्षक संघ इस बढ़ोतरी का विरोध कर सकते हैं। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, खासकर तब जब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से आते हैं।
शिक्षा को लेकर यूपी सरकार का यह कदम एक बड़ी बहस की शुरुआत कर सकता है। क्या यह फैसला छात्रों के हित में है या उनके लिए परेशानी का कारण बनेगा? आने वाले समय में इसका असर देखने को मिलेगा।