शरद कटियार
फर्रुखाबाद : जिले में बीती रात एक आम नागरिक को उस समय कठिनाई का सामना करना पड़ा, जब फर्रुखाबाद के एक HP (हिंदुस्तान पेट्रोलियम) पेट्रोल पंप ने रात्रि 11:00 बजे के बाद पेट्रोल देने से साफ इनकार कर दिया। जी हां ये हिंदुस्तान पेट्रोलियम का शहर के बीचों बीच का पम्प मै. राम शरन अग्रवाल एण्ड कम्पनी का पेट्रोल पम्प संचालित है जहां रात्रि के समय एक आपात स्थिति में राहगीर की कार में ईंधन पर्याप्त न होने पर पहुंचा तो वहां पर तैनात कर्मचारी ने उपभोक्ता से कहा –
“रात 11 के बाद पेट्रोल नहीं मिलेगा, हमारा समय खत्म हो गया है। हमारे यहां शहर में यही नियम है”
इससे पहले कि उपभोक्ता कुछ पूछता, पंप मशीन बंद कर दी गई और उसे निराश लौटना पड़ा। इस घटना ने जिले में कार्यरत पेट्रोल पंपों की कार्यप्रणाली और उत्तरदायित्व पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर आपातकाल की स्थिति में उपभोक्ता कहाँ जाए? रात के समय यह घटना न केवल उपभोक्ता को परेशान करने वाली थी, बल्कि यह आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा पर भी सीधा प्रभाव डालती है।
सोचिए, अगर कोई एंबुलेंस, डॉक्टर या पुलिस वाहन ऐसी ही स्थिति में फंस जाए, तो परिणाम कितने घातक हो सकते हैं।
कानूनी और नीतिगत सवाल
पेट्रोलियम मंत्रालय और HPCL के अनुसार, शहरी और सेमी-अर्बन क्षेत्रों में अधिकतर पंपों को 24 घंटे सेवा के लिए प्राधिकृत किया जाता है। यदि किसी पंप को संचालन समय सीमित करने की अनुमति दी गई है, तो उसका स्पष्ट सूचना बोर्ड पंप परिसर में प्रदर्शित होना अनिवार्य है। लेकिन संबंधित HP पंप पर ऐसा कोई बोर्ड मौजूद नहीं था।
स्थानीय प्रशासन और HPCL की भूमिका
इस विषय पर उपभोक्ता ने HPCL के ट्विटर हैंडल @HPCL और @hpclcare, जिलाधिकारी फर्रुखाबाद, फर्रुखाबाद पुलिस, और उत्तर प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को टैग करते हुए शिकायत दर्ज की है।
उपभोक्ता का कहना है:
“जनता को यह जानने का हक़ है कि कब और कहाँ उन्हें आवश्यक सेवाएँ मिलेंगी। HPCL जैसी बड़ी कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके ब्रांड नाम पर काम करने वाले सभी पेट्रोल पंप उपभोक्ता नियमों का पालन करें।”
क्या यह केवल एक पंप की लापरवाही है या एक प्रणालीगत समस्या? ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि या तो कंपनियों द्वारा पंपों की नियमित निगरानी नहीं की जा रही है या फिर स्थानीय स्तर पर कर्मचारी मनमर्जी से निर्णय लेते हैं। और उपभोक्ता को यह समझ ही नहीं आ पाता कि वह अपनी शिकायत लेकर जाए कहाँ?
जनता की माँग – क्या होना चाहिए समाधान?
1. 24 घंटे संचालन करने वाले पंपों की सार्वजनिक सूची जारी की जाए।
2. हर पेट्रोल पंप पर संचालन का स्पष्ट समय बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए।
3. रात में बंद होने वाले पंपों के 1-2 वैकल्पिक पंप 24×7 खुले रहें, यह जिलाधिकारी द्वारा तय हो।
4. पेट्रोल पंपों पर ऑडिट और रैंडम जांच अभियान चलाए जाएं।
5. ग्राहक शिकायत समाधान समयबद्ध किया जाए, जिसमें जवाबदेही तय हो।
“एक नागरिक की आवाज – पूरे जिले के हित में”
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी नागरिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्विटर पर टैग किए गए अधिकारियों और HPCL के सोशल हैंडल से अब तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला है, लेकिन मामला गर्माता देख उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन सक्रिय होगा। इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि:
“क्या पेट्रोल जैसी आवश्यक वस्तु भी अब समय की सीमा में बंधी होगी? क्या नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में भी सेवाओं से वंचित रहना पड़ेगा?”
HPCL, प्रशासन और नीति निर्माताओं को चाहिए कि इस विषय को गंभीरता से लें और भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोकने के लिए सुदृढ़ व्यवस्था और पारदर्शी प्रणाली लागू करें।