– सेना पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की राहुल गांधी को फटकार
– लखनऊ केस पर रोक
– सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता Rahul Gandhi को भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि चीन (China) ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। न्यायालय ने सवाल किया कि उनकी जानकारी की विश्वसनीयता क्या है और यह भी कहा कि यदि वह एक सच्चे भारतीय होते, तो ऐसी बातें नहीं कहते।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब सीमा पर संघर्ष चल रहा हो, तो ऐसे बयान देना क्या उचित है? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से कहा कि वे विपक्ष के नेता हैं, उन्हें संसद में अपनी बात रखनी चाहिए, न कि सोशल मीडिया पर। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए हैं और हमारे सैनिकों को अरुणाचल में पीटा जा रहा है। इस बयान को लेकर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी साल 29 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी और उनके खिलाफ समन जारी किया था। राहुल गांधी ने इस समन और शिकायत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि यह मामला दुर्भावनापूर्ण और बदनीयती से प्रेरित है।
बताते चलें कि 3 अप्रैल को भी राहुल गांधी ने संसद में भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि चीन ने भारत की 4000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि जब ऐसा हो रहा है तो हमारे विदेश सचिव चीनी राजदूत के साथ केक क्यों काट रहे हैं। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा चीनी राजदूत को चिट्ठी लिखी गई है, और यह जानकारी भी देश को दूसरों से मिल रही है, न कि सरकार से।
2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें 40 चीनी सैनिक मारे गए थे।