फर्रुखाबाद: जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार, इतिहासकार और पुरातत्वविद् डॉ. रामकृष्ण राजपूत (Historian Dr. Ramkrishna Rajput) को इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया में आयोजित 25वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में “राष्ट्रपति अहमद सुकर्णो अंतर्राष्ट्रीय सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा। यह आयोजन 24 से 31 अगस्त तक चलेगा। इस सम्मेलन में फर्रुखाबाद की एक अन्य विद्वान डॉ. रत्ना सिंह भी भागीदारी करेंगी। आयोजन पांच सत्रों में विभाजित होगा, जिसमें डॉ. राजपूत की कई पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा, वहीं डॉ. रत्ना सिंह की इतिहास विषयक पुस्तक का लोकार्पण भी इसी मंच पर होगा।
डॉ. राजपूत ने जानकारी दी कि सम्मेलन के दौरान विद्वानों को इंडोनेशिया और मलेशिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इस बार देशभर से 51 सदस्यीय साहित्यकारों और इतिहासकारों का प्रतिनिधिमंडल रजत जयंती वर्ष में शामिल होगा। उन्होंने बताया कि यह बहुउद्देशीय यात्रा भारतीय धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के वैश्विक केंद्रों को समझने का अवसर भी प्रदान करेगी।
डॉ. राजपूत 22 अगस्त को इंडोनेशिया के लिए रवाना होंगे। वापसी के बाद वे वहां के संस्मरणों को प्रेस मीट के माध्यम से साझा करेंगे। डॉ. राजपूत को सम्मानित किए जाने पर डॉ. राजकुमार सिंह, भूपेंद्र प्रताप सिंह, कालिदास सम्मान से विभूषित ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री, जनवादी लेखक सतीश चंद्र सतीश और डॉ. मोहसिन ने बधाई दी और उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
सम्मान को लेकर डॉ. राजपूत ने कहा कि साहित्यकारों को दिए जाने वाले सम्मान और पुरस्कारों की राशि समय और महंगाई के साथ बढ़ाई जानी चाहिए।उन्होंने कहा, जब हर वस्तु के मूल्य बढ़ रहे हैं, तो साहित्यकारों के सम्मान में भी इजाफा होना चाहिए।