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Sunday, October 26, 2025

हिंदी केवल राजभाषा नहीं, बल्कि देश की आत्मा है: अशोक चंद्र

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– पीएनबी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अंतर बैंक सेमिनार और नराकास अध्यक्ष सम्मेलन आयोजित

नई दिल्ली /लखनऊ: पंजाब नैशनल बैंक में अखिल भारतीय अंतर बैंक सेमिनार एवं नराकास अध्यक्ष सम्मेलन-सह समीक्षा बैठक का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अशोक चंद्र (Ashok Chandra) ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मीनाक्षी जॉली, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति रही। “पीएनबी प्रवाह – कृत्रिम बुद्धिमत्ता आलेख संकलन” नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया। यह संग्रह बैंक के राजभाषा विभाग द्वारा तैयार किया गया है और तकनीकी विषयों पर हिंदी लेखन को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

अशोक चंद्र ने कहा कि हिंदी केवल राजभाषा नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। उन्होंने कहा कि पीएनबी द्वारा संचालित 28 नराकास समितियाँ राजभाषा के प्रचार-प्रसार में सराहनीय भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बैंक की डिजिटल सेवाओं में हिंदी व 13 क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग को ग्राहकों तक पहुँच बढ़ाने का सशक्त माध्यम बताया।

मुख्य अतिथि डॉ. जॉली ने पीएनबी की राजभाषा कार्यान्वयन की सराहना करते हुए इसे अन्य संस्थानों के लिए एक आदर्श बताया। उन्होंने सरल हिंदी में कार्य करने और “कंठस्थ 2.0” जैसे अनुवाद टूल्स के अधिकतम उपयोग की अपील की। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय अंतर बैंक निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं, उत्कृष्ट नराकास अध्यक्षों और सदस्य सचिवों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का समापन श्रीमती मनीषा शर्मा, सहायक महाप्रबंधक एवं सचिव, दिल्ली नराकास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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