शैलेन्द्र अग्निहोत्री
औरैया (यूथ इण्डिया) : शहर की चौतरफा हाइवे और लिंक सड़कों पर दौड़ते भारी भरकम ट्रकों और ओवरलोड वाहनों में एक गंभीर लापरवाही तेजी से सामान्य होती जा रही है, जहां नंबर प्लेट का गायब या अस्पष्ट होना बहुतायत में देखा जाता है। यह न सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है। जबकि औरैया जिले के परिवहन अधिकारी हमेशा अपने कड़क नियम कानून की वजह से सुर्खियों में बने रहते है, फिर ये आंख बंद करके इस विषय पर ध्यान नहीं देते या ओवरलोड वाहनों को बढ़ावा देने का समर्थन है। आखिर इस गंभीर विषय पर विभाग की अनदेखी और स्पष्ट उल्लंघन, फिर भी कार्यवाही क्यों नहीं होती।
अक्सर देखा गया है कि ओवरलोड ट्रक या तो अपनी नंबर प्लेट मिटा देते हैं, कीचड़ से ढक देते हैं, या जानबूझकर झुकाकर रखते हैं ताकि उसे पढ़ा न जा सके। यह कार्यवाही पुलिस की नजरों से छिपने और किसी दुर्घटना या अपराध की स्थिति में ट्रेसिंग से बचने के लिए किया जाता है। हालांकि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 50 व 52 के अनुसार, वाहन पर स्पष्ट और पठनीय नंबर प्लेट होना अनिवार्य है। नियमों के तहत ऐसा न होना दंडनीय अपराध है और इसके लिए वाहन मालिक पर जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या वाहन जब्ती तक की कार्यवाही हो सकती है। इसके बावजूद ज़मीनी हकीकत यह है कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस पर कड़ी कार्यवाही नहीं की जाती।
कानून व्यवस्था को खतरा
स्पष्ट नंबर प्लेट न होने की वजह से यदि कोई वाहन अपराध में शामिल होता है या दुर्घटना कर फरार हो जाता है, तो उसकी पहचान कर पाना लगभग असंभव हो जाता है। इसके अतिरिक्त, ओवरलोडिंग स्वयं एक जानलेवा जोखिम है, न केवल चालक के लिए, बल्कि सड़कों पर चल रहे अन्य लोगों के लिए भी।
स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। कई बार तो ट्रैफिक पुलिस खुद ऐसे वाहनों को देखकर अनदेखा कर देती है, जिससे लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक सुनियोजित लापरवाही है, जिसमें चालकों के साथ-साथ कई बार ट्रांसपोर्ट कंपनियों की मिलीभगत भी होती है। प्रशासनिक इच्छाशक्ति और तकनीकी निगरानी को मजबूत किए बिना इस पर अंकुश लगाना मुश्किल है।
मांग: सख्त निगरानी और कार्रवाई की अब वक्त आ गया है कि ट्रैफिक पुलिस इस विषय को गंभीरता से ले और बिना नंबर प्लेट या अस्पष्ट नंबर वाले वाहनों के खिलाफ विशेष अभियान चलाए। इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद, ई-चालान प्रणाली और नियमित चेकिंग बेहद जरूरी है।