बदायूं। जिले के वजीरगंज विकासखंड अंतर्गत ग्राम कसेर पनौता में स्वास्थ्य उपकेंद्र के नाम पर ग्रामीणों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। भाजपा के सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता द्वारा उद्घाटन के महज दो दिन बाद ही उपकेंद्र में ताले लटक गए। इसके विरोध में शनिवार को ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
गांव कसेर पनौता में बना यह स्वास्थ्य उपकेंद्र 11 साल पहले 2013 में निर्मित हुआ था, लेकिन इसमें सेवाएं शुरू नहीं हुई थीं।
मई 2025 में भवन की मरम्मत के बाद 11 मई को सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने इसका उद्घाटन किया और ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने का भरोसा दिलाया।
उद्घाटन के बाद केवल दो दिन तक ही दवाओं का वितरण हुआ, इसके बाद केंद्र में कोई स्वास्थ्यकर्मी या फार्मासिस्ट नहीं आया।
ग्रामीणों का कहना है कि—
“यह सब दिखावा था। सिर्फ उद्घाटन करके प्रचार किया गया, लेकिन सेवाएं शुरू नहीं हुईं। अब हमें फिर से 8 किलोमीटर दूर वजीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ रहा है।”
गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने स्वास्थ्य उपकेंद्र पर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी से मांग की कि उपकेंद्र को तत्काल शुरू कराया जाए।
प्रदर्शन में महिलाओं, बुजुर्गों, और किसानों ने भी हिस्सा लिया।
इस संबंध में सीएमओ कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया—
“उपकेंद्र की सेवा शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है, जल्द ही फार्मासिस्ट व एक एएनएम की तैनाती की जाएगी।”
कागजों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे भले ही प्रभावशाली दिखते हों, लेकिन जमीनी हकीकत कसेर पनौता जैसे गांवों में उजागर हो रही है। विधायक द्वारा फीता काट कर उद्घाटन कर देना ही पर्याप्त नहीं है, जब तक वहां नियमित स्टाफ और दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी, तब तक ग्रामीणों को राहत नहीं मिलेगी।