शमशाबाद: फर्रुखाबाद जनपद के Shamshabad क्षेत्र में गंगा कटरी इलाकों में आई भीषण बाढ़ के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित (flood affected areas) हो गया है। गांवों की गलियों से लेकर लोगों के घरों तक बाढ़ का पानी भर चुका है। इस जलभराव के चलते अब संक्रामक बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण खांसी, जुकाम, बुखार, मलेरिया, दाद, खाज, खुजली जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी शमशाबाद डॉ. सरबर इकबाल ने स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर ग्राम समोचीपुर, चितार समोचीपुर, तराई, साधौ सराय, बिरिया डा डा, ढाई घाट आश्रम सहित आधा दर्जन बाढ़ प्रभावित गांवों में कीटनाशक (एंटी लार्वा) दवाओं का छिड़काव कराया और साथ ही जीवन रक्षक दवाओं का वितरण भी कराया।
बाढ़ से प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैम्प लगाकर बीमार ग्रामीणों की जांच की और उन्हें जरूरी दवाएं दीं। टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, एलटी, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे। टीम ने लोगों को बताया कि कैसे वे गंदगी से बचें, अपने घर और आसपास साफ-सफाई बनाए रखें और बुखार या त्वचा संबंधी लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि ठहरे हुए बाढ़ के पानी में मच्छर, मक्खी और जहरीले कीट तेजी से पनप रहे हैं, जो न केवल बीमारियों का कारण बन सकते हैं, बल्कि कई बार जानलेवा भी हो सकते हैं।
बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सरबर इकबाल का आभार जताया। ग्रामीणों का कहना है कि जब हर ओर से निराशा का माहौल था, तब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने न सिर्फ दवाएं दीं, बल्कि भरोसा और राहत भी पहुंचाई।
एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा:
“हम कई दिनों से बुखार और खुजली से परेशान थे। आज स्वास्थ्य विभाग की टीम आई और दवाएं दीं। अब उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे।”
प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य निगरानी अभियान जारी रहेगा। जरूरत पड़ने पर और टीमें भेजी जाएंगी। विभाग का उद्देश्य है कि किसी भी कीमत पर बाढ़ जनित बीमारियों को फैलने से रोका जाए और समय रहते इलाज सुनिश्चित किया जाए।