लखनऊ: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरितालिका तीज (Haritalika Teej) व्रत मनाया जाता है, जो इस वर्ष आज यानि 26 अगस्त को पड़ रहा है। इसे मां पार्वती ने भगवान शिव (Shiva-Parvati) को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या और अन्न-जल त्याग कर आरंभ किया था। कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वचन दिया। इस व्रत को करने से कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है।
व्रत की शुरूआत एक दिन पहले आधी रात से होती है। व्रती स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं और शुद्ध वस्त्र पहनकर प्रदोष काल में शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा के समय माता पार्वती को सुहाग का जोड़ा और शृंगार की वस्तुएं भेंट की जाती हैं। साथ ही हरितालिका तीज की कथा सुनी जाती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तृतीया तिथि 25 अगस्त दोपहर 12:34 बजे से प्रारंभ होकर 26 अगस्त दोपहर 01:54 बजे समाप्त होगी। इस वर्ष चंद्रमा हस्त नक्षत्र में कन्या राशि में रहेगा और चंद्र मंगल का लक्ष्मी योग बना रहेगा। हरितालिका पूजा के लिए प्रातः काल का शुभ मुहूर्त 5:56 बजे से 8:31 बजे तक है, जबकि सायंकाल प्रदोषकाल में शिव-पार्वती की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।