रायबरेली| ऊंचाहार क्षेत्र में चोर समझकर पीटे गए हरिओम वाल्मीकि की मौत के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी अखिलेश कुमार मौर्य को गिरफ्तार किया है। इसके साथ अब तक इस जघन्य भीड़ हिंसा में 17 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
यह मामला अब पूरे प्रदेश में लिंचिंग के ताजा उदाहरण के रूप में गूंज उठा है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में नए नामों के खुलासे की संभावना है।
एसपी वीरेंद्र कुमार ने बताया, “मामले की विवेचना तेज गति से चल रही है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार विशेष टीमें बनाई गई हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।”
वायरल वीडियो बना सबूत
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें साफ दिखाई देता है कि भीड़ ने हरिओम को खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा। इस वीडियो ने पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर गहरी चोटों के निशान पाए गए। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
गाँव में तनाव, परिवार की हालत खराब
हरिओम का परिवार अब भी सदमे में है। पिता ने कहा, “हमने बेटा खो दिया, अब सिर्फ इंसाफ चाहिए।”
गाँव में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है। स्थानीय दलित संगठनों ने सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।






