प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज हमीरपुर (Hamirpur) के चर्चित सामूहिक नरसंहार कांड के एक मुख्य दोषी प्रेमचंद्र को बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने प्रेमचंद्र को मेडिकल आधार पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह फैसला उस समय आया है जब निचली अदालत ने उसे इस बहुचर्चित मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मामला वर्ष 2012 का बताया जाता है, जब हमीरपुर जिले में छह लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र को झकझोर दिया था। मामले की जांच और सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने प्रेमचंद्र सहित कई आरोपियों को दोषी करार दिया था और प्रेमचंद्र को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, जेल में रहने के दौरान प्रेमचंद्र की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में यह दलील दी कि प्रेमचंद्र गंभीर रूप से बीमार है और उचित चिकित्सकीय सुविधा जेल में उपलब्ध नहीं है। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान चिकित्सीय रिपोर्टों को देखते हुए मेडिकल ग्राउंड पर उसकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि आरोपी की जमानत केवल स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दी जा रही है और इससे उसके दोषसिद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस आदेश के बाद पीड़ित परिवारों में नाराज़गी और असंतोष देखने को मिला है। उनका कहना है कि इतने बड़े नरसंहार के दोषी को राहत मिलना न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाता है। वहीं, बचाव पक्ष का कहना है कि यह राहत केवल मानवीय दृष्टिकोण से दी गई है। गौरतलब है कि हमीरपुर के इस सामूहिक हत्याकांड में भूमि विवाद को लेकर छह लोगों की हत्या कर दी गई थी। अब हाईकोर्ट के आदेश से प्रेमचंद्र को जमानत पर रिहा किया जाएगा, लेकिन मुकदमे की अंतिम सुनवाई अभी भी जारी रहेगी।


