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Thursday, November 21, 2024

हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार की वकीलों को भावुक अपील: गरीबों की पैरवी करें, न्याय सुलभ बनाएं

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यूथ इंडिया (शरद कटियार)

फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शेखर कुमार ने वकीलों को एक अनमोल संदेश दिया, जो सीधे दिल को छूने वाला था। उन्होंने अधिवक्ताओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वे अपनी शक्ति और ज्ञान का इस्तेमाल समाज के सबसे वंचित और गरीब तबकों की मदद के लिए करें, ताकि न्याय की रोशनी हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जो उसकी उम्मीद लगाए बैठा है। न्याय, शिक्षा और इलाज गरीबों के लिए महंगा हो गया है अपने उद्बोधन में न्यायमूर्ति शेखर कुमार ने कहा, आज के समय में न्याय, शिक्षा और इलाज जैसी बुनियादी चीजें गरीबों के लिए कठिन हो गई हैं। ऐसे में वकीलों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी क्षमता का इस्तेमाल उन लोगों के लिए करें, जिनके पास न्याय पाने का कोई साधन नहीं है। गरीब की पैरवी करना केवल एक पेशेवर कर्तव्य नहीं, बल्कि मानवीय धर्म भी है। जिस तरह एक डॉक्टर का धर्म है कि वह रोगी की जान बचाए, उसी तरह अधिवक्ता का धर्म है कि वह न्याय की उम्मीद रखने वालों के लिए खड़ा हो। जेलों में बंद न्याय से वंचित लोगों की मदद का आह्वान न्यायमूर्ति शेखर ने जेलों में बंद उन लोगों की बात की, जो न्याय से वंचित हैं। हमारी जेलों में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें कानूनी मदद नहीं मिल पाती। उनका अपराध चाहे छोटा हो या बड़ा, लेकिन उनका अधिकार है कि उन्हें न्याय मिले। वकीलों को उनके पास जाकर उनकी आवाज बननी चाहिए। आपकी एक कोशिश उनकी जिंदगी बदल सकती है। उनकी मदद करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं। भगवान खुद देगा इनाम श्री शेखर कुमार का यह भावुक संदेश वकीलों के दिलों तक पहुंचा, जब उन्होंने कहा, आप गरीब की मदद करेंगे, उसकी आवाज उठाएंगे, तो भगवान खुद आपको इनाम देगा। धन कमाने के पीछे न भागें, क्योंकि अगर आप सही रास्ते पर चलेंगे, तो पैसा अपने आप आपकी तरफ आएगा। जरूरतमंद की मदद करके जो संतोष मिलेगा, वह किसी भी दौलत से बढ़कर होगा। बेंच और बार के बीच सामंजस्य की सलाह न्यायमूर्ति शेखर कुमार ने वकीलों को यह भी सलाह दी कि वे बेंच के साथ टकराव न करें, बल्कि सामंजस्य बनाए रखें। न्याय प्रक्रिया में बेंच और बार का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। आपस में सहयोग करके ही हम न्याय को और प्रभावी बना सकते हैं। टकराव की बजाय समझ और सामंजस्य से न सिर्फ आपका ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि समाज का भी भला होगा। न्यायपालिका और अधिवक्ता समाज के अभिन्न अंग हैं, दोनों को मिलकर ही काम करना होगा। गरीबों की आवाज बनें न्यायमूर्ति शेखर कुमार का भाषण अधिवक्ताओं के लिए सिर्फ एक उपदेश नहीं था, बल्कि एक भावुक आह्वान था। उन्होंने वकीलों को प्रेरित करते हुए कहा, अधिवक्ता सिर्फ कानून के जानकार ही नहीं होते, वे समाज के रक्षक भी होते हैं। जब आप गरीब और वंचित की मदद करेंगे, तो वह आपको अपना मसीहा समझेगा। उस व्यक्ति की आंखों में आप न्याय की किरण देखेंगे, और यही आपको संतोष और सच्ची खुशी देगा। फतेहगढ़ बार का यह प्रोग्राम वकीलों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण था, जिसने उन्हें उनके पेशे के नैतिक और मानवीय पक्ष को समझने और गरीबों की सेवा में समर्पित होने के लिए प्रेरित किया।

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