फर्रुखाबाद। सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में कहा गया कि सरकारी कार्रवाई के अभाव में सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को उनके नियोक्ताओं द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न अनुचित श्रम प्रथाओं का शिकार होना पड़ता है। नियोक्ता अवैध रूप काम रोक रहे हैं और अवैध रूप से नौकरी से बर्खास्त कर रहे हैं. वे फर्जी मुद्दे बनाकर कर्मचारियों को वेतन और यात्रा खर्च का भुगतान करने से इनकार कर रहे हैं. नियोक्ता, बिक्री संवर्धन कर्मचारी अधिनियम और अन्य श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।वे नियमित रूप से कर्मचारियों को धमका रहे हैं और अपमानित कर रहे हैं. नियोक्ता, यूनियन नेताओं और श्रमिकों के विरोध करने के लोकतांत्रिक और कानूनी अधिकार को दबाने के लिए उनके खिलाफ झूठी पुलिस शिकायतें दर्ज करारहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई की श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाये और बिक्री संवर्धन कर्मचारी (सेवा की शर्ते) अधिनियम, 1976 सहित मौजूदा श्रम कानूनों को लागू रखा जाये।असंवैधानिक और मज़दूर विरोधी ‘श्रम शक्ति नीति 2025″ को खत्म किया जाए,औद्योगिक विवाद (संशोधन) अधिनियम, 1982 के अनुसार, “उद्योग” का अर्थ किसी प्रतिष्ठान द्वारा बिक्री या व्यवसाय या दोनोको प्रभावी किया जाये।
सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की निश्चित अवधि रोजगार पर नियुक्तियों की अनुमति न दी जाए।इसके साथ ही नियोक्ताओं द्वारा सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की कोई छंटनी, स्थानांतरण आदि न किया जाये।सभी सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को समय पर वेतन का पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए।बिक्री संवर्धन कर्मचारी अधिनियम, 1976 तथा बिक्री संवर्धन कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम, 1976 का पालन सुनिश्चित किया जाये। ज्ञापन में इसी तरह की दो दर्जन से अधिक मांगे शामिल की गई हैं। नेतृत्व विमलेश मिश्रा जनरल सेक्रेटरी कपिल दिवाकर ने किया।




