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Friday, February 21, 2025

इस राज्य में गुटखा-पान मसाला बैन, बेचने और खाने पर होगी बड़ी कार्रवाई

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रांची: झारखंड सरकार की हेमंत सोरेन सरकार ने तंबाकू और निकोटिन युक्त गुटखा (Gutkha) और पान मसाले पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि झारखंड में अब इन उत्पादों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण पर सख्त रोक रहेगी। यह प्रतिबंध अगले एक साल तक प्रभावी रहेगा।

अपर मुख्य सचिव सह राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त अजय कुमार सिंह ने इस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य जन स्वास्थ्य की रक्षा करना और तंबाकू से होने वाली बीमारियों को रोकना है। राज्यभर में इस आदेश को सख्ती से लागू कराने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने निर्देश दिया है कि यदि कहीं भी गुटखा या पान मसाला बेचा, खरीदा या स्टॉक किया जाता पाया गया, तो संबंधित दुकानदारों और वितरकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और गोदामों को सील कर दिया जाएगा।

गुटखा मुक्त झारखंड बनाने की पहल

झारखंड में गुटखा पर प्रतिबंध लगाने की पहल स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने की है। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को कैंसर से मरने नहीं देंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराया जाएगा और यदि कोई गुटखा बेचते या खाते पकड़ा गया तो पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी।

सख्त निगरानी के लिए प्रशासन अलर्ट

सरकार ने आदेश जारी कर संबंधित विभागों को इस प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू कराने के निर्देश दिए हैं। राज्यभर में प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही, आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए स्थानीय प्रशासन को नियमित रूप से छापेमारी करने के निर्देश दिए गए हैं। झारखंड सरकार ने कहा है कि इस प्रतिबंध को सफल बनाने के लिए मीडिया और जागरूकता अभियानों का सहारा लिया जाएगा। लोगों को गुटखा और पान मसाले के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे वे इन हानिकारक उत्पादों से दूर रहें। झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध लगाकर एक बड़ा कदम उठाया है। यह प्रतिबंध राज्य के लाखों लोगों के स्वास्थ्य को बचाने में मददगार साबित होगा। अब देखना यह होगा कि सरकार इसे कितनी सख्ती से लागू करती है और जनता इसे कितना समर्थन देती है।

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