– सरकार की रडार पर फर्रुखाबाद और कायमगंज के बड़े व्यापारी, टैक्स चोरी और जमीनी गोरखधंधे में शामिल गिरोह का पर्दाफाश
फर्रुखाबाद/कायमगंज। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद और कायमगंज में तंबाकू कारोबार की आड़ में बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी और अवैध जमीन सौदों का खेल सामने आया है। सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाने वाले इस गिरोह पर अब सरकारी एजेंसियों की पैनी नजर है। खासकर, कायमगंज के एक प्रमुख उद्योगपति के खास सहयोगी कपिल और उसके व्यापारिक नेटवर्क की गतिविधियां संदेह के घेरे में आ गई हैं।
जांच में यह खुलासा हुआ है कि कपिल ने तंबाकू व्यवसाय की आड़ में जीएसटी चोरी का एक बड़ा रैकेट तैयार किया था। सूत्रों की मानें तो उसने सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, उसने कीमती जमीनों के गोरखधंधे में भी हाथ डाल दिया, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है।
मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि कपिल ने अपनी पत्नी के नाम पर कूत्रा निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति से धोखे से सड़क किनारे स्थित बहुमूल्य जमीन हड़प ली। यह सौदा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया था, ताकि जमीन को अपने नाम कराकर बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेचा जा सके।
जमीन के इस सौदे में स्टांप ड्यूटी की भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। सरकारी नियमों को ताक पर रखकर कम स्टांप शुल्क जमा कर करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया गया। यह पूरा खेल इतनी सफाई से रचा गया कि प्रशासन को लंबे समय तक इसकी भनक तक नहीं लगी।
इस पूरे रैकेट में कपिल के खास गुर्गे चांदपुर निवासी विपिन दीक्षित का नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहा है। विपिन दीक्षित ने तंबाकू व्यवसाय से अर्जित काले धन को जमीनों में निवेश करना शुरू कर दिया था। सरकार की जांच में यह खुलासा हुआ है कि विपिन ने फर्रुखाबाद के बाघपुर, कायमगंज और पड़ोसी जनपद कन्नौज के छिबरामऊ में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, विपिन दीक्षित ने इस गोरखधंधे से चंद वर्षों में ही करोड़ों की संपत्ति बना ली है। उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कई सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत की, ताकि उसके कारोबार पर कोई कार्रवाई न हो। लेकिन अब, सरकारी एजेंसियां इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही हैं।
तंबाकू व्यवसाय की आड़ में किए गए इस करोड़ों के घोटाले को लेकर सरकार अब सख्त एक्शन के मूड में है। वित्त विभाग, राजस्व विभाग और जीएसटी विभाग इस पूरे मामले की पड़ताल में जुट चुके हैं।
कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द इस गिरोह पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो अवैध संपत्ति को जब्त करने के साथ-साथ इन व्यापारियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सकता है।