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Tuesday, November 4, 2025

पोस्टमार्टम हाउस में घोर लापरवाही — दो घंटे तक बाहर पड़ा रहा शव, प्राइवेट कर्मचारी पर शराबखोरी और बदसलूकी के आरोप

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– फतेहगढ़ जिला अस्पताल का मामला — मृतक के परिजन दो घंटे तक भटकते रहे, दीवार पर लिखे नंबरों पर फोन करने के बाद भी नहीं पहुँचा कोई कर्मचारी

फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद जिला अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस (post-mortem house) में सोमवार को मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली लापरवाही का मामला सामने आया। सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति का शव दो घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पड़ा रहा, लेकिन जिम्मेदार कर्मचारी (employee) मौके पर नहीं पहुँचे। परिजनों ने बार-बार फोन करने के बावजूद जब कोई नहीं आया, तो उन्होंने प्रशासन से शिकायत की। इस दौरान, मौके पर मौजूद प्राइवेट कर्मचारी टोनी पर नशे में बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया गया।

जानकारी के मुताबिक, जनपद कन्नौज के गुरसहायगंज थाना क्षेत्र के सराय प्रयाग निवासी 40 वर्षीय पप्पू पुत्र फिदा हुसैन की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक पप्पू चिकित्सक फिदा हुसैन का पुत्र था और अपने पिता के क्लीनिक पर काम करता था। सोमवार को वह थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के बहादुरगंज में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने आया था।

करीब दोपहर 2:25 बजे जब वह कादरी गेट स्थित क्रिश्चियन इंटर कॉलेज के सामने से गुजर रहा था, तभी उसकी बाइक फिसल गई और सिर में गंभीर चोट लग गई। राहगीरों ने आनन-फानन में उसे लोहिया अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, लेकिन जब शव पोस्टमार्टम हाउस पहुँचा तो वहाँ कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।

गेट बंद था और दीवार पर लिखे नंबरों पर कई बार कॉल करने के बावजूद किसी ने फोन नहीं उठाया। शव को लाने वाले पुलिसकर्मी और परिजन दो घंटे तक दरवाजे के बाहर खड़े रहे। शाम करीब 4:30 बजे तक जब कोई नहीं आया, तो परिजनों ने मजबूर होकर डिप्टी सीएमओ डॉ. दीपक कटारिया को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी।

मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बाद में पहुंचे प्राइवेट कर्मचारी टोनी नशे में था और उसने परिवार के साथ बदसलूकी की। परिजनों ने कहा कि “हमारा अपमान करने के साथ उसने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। मृतक के शव को अंदर ले जाने में भी आनाकानी की गई।” इस पर अन्य मौजूद लोगों ने टोनी के व्यवहार की निंदा की और कार्रवाई की मांग की।

जिला अस्पताल परिसर में इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में यह कोई पहली घटना नहीं है — आए दिन कर्मचारियों की अनुपस्थिति और मनमानी के मामले सामने आते रहते हैं। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी संवेदनशील इकाई में प्राइवेट नशेबाज कर्मचारी कैसे तैनात हैं और उन पर कोई नियंत्रण क्यों नहीं है?

सूत्रों के अनुसार, डिप्टी सीएमओ डॉ. दीपक कटारिया ने घटना की जानकारी मिलने पर संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि “पोस्टमार्टम हाउस जैसे संवेदनशील स्थान पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

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