फर्रुखाबाद: उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नवीन गाइडलाइन के तहत उद्यानिकी मिशन योजनांतर्गत (Under Horticulture Mission Scheme) अनेक परियोजनाओं पर अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारी फर्रुखाबाद (Farrukhabad) द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी गई।
प्रेस नोट के अनुसार, एक से दो हेक्टेयर क्षेत्रफल की हाईटेक नर्सरी (high-tech nurseries) की स्थापना हेतु अनुमन्य लागत ₹60 लाख निर्धारित की गई है, जिसमें निजी क्षेत्र को 40 प्रतिशत की दर से ₹24 लाख तक की सहायता क्रेडिट लिंक बैंक एंडेड सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। वहीं छोटे नर्सरी निर्माण (0.4 से 1.0 हेक्टेयर) पर ₹20 लाख लागत के विरुद्ध ₹8 लाख तक का अनुदान मिलेगा।
शाकभाजी फसलों जैसे आलू, मटर, गाजर आदि की बीज उत्पादन हेतु निजी क्षेत्र में ₹50,000 प्रति हेक्टेयर की लागत पर ₹17,500 का अनुदान दिया जाएगा। रोगमुक्त स्वस्थ बीज उत्पादन के लिए मिनी ट्यूबर (Mini Tuber) की स्थापना पर ₹120 लाख की लागत पर ₹60 लाख तक की सहायता दी जाएगी। बीज विधायन केन्द्र स्थापना हेतु ₹300 लाख की लागत पर निजी क्षेत्र को 50% यानी ₹150 लाख का अनुदान मिलेगा।
वहीं ट्रांसप्लांटर आधारित पौध उत्पादन के लिए ₹30 लाख की लागत पर 40% की दर से ₹12 लाख की सहायता अनुमन्य होगी। मशीनरी युक्त प्री-कूलिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चेन इकाइयों की स्थापना हेतु भी निजी क्षेत्र को लागत का 35% से 50% तक अनुदान अनुमन्य है। विशेष रूप से स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, छात्रावासों में बागवानी के लिए ₹10 लाख तक का अनुदान 40% की दर से मिलेगा।