– राज्यपाल ने वृहद वृक्षारोपण अभियान “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” के अंतर्गत कैंट परिसर में त्रिवेणी (पीपल, बरगद, नीम) का पौधरोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया
बाराबंकी: राज्यपाल (Governor) आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने बाराबंकी में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित वृहद वृक्षारोपण अभियान “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” के अंतर्गत कैंट परिसर में त्रिवेणी (पीपल, बरगद, नीम) का पौधरोपण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘एक पेड़ मॉं के नाम’’ थीम वृक्षारोपण हेतु बनायी गयी लघु फिल्म को लॉंच किया तथा 05 आंगनबाड़ी किट, 05 पोषण पोटली, 05 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं 05 ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। यह अभियान प्रदेश में एक दिन में 37 करोड़ पौधों के रोपण की महत्त्वाकांक्षी योजना का भाग है, जो पर्यावरण संरक्षण एवं मातृत्व सम्मान की परिकल्पना को साकार करता है।
राज्यपाल ने वन विभाग द्वारा एक पेड़ मॉं के नाम अभियान की सराहना करते हुए यह कहा कि कि इस अभियान से हम न केवल अपनी मॉं के प्रति बल्कि धरती मॉं का भी आभार व्यक्त कर रहे है। उन्होंने कहा कि कृषकों द्वारा अपनी निजी भूमि पर किये जा रहे वृक्षारोपण एवं उनके द्वारा मांगी जा रही प्रजातियों को उपलब्ध कराना एक सराहनीय पहल है, जिससे कृषकों की आय में वृद्वि होगी। उन्होंने भूमि की कम होती उपलब्धता के दृष्टिगत मियावाकी पद्वति से वृक्षारोपण कराये जाने पर भी बल दिया।
क्षय रोग से पीड़ित परिवारों को पोषण पोटली का वितरण करते हुए उन्होंने नागरिकों एवं औद्योगिक इकाइयों के सहयोग की सराहना की एवं जनपद बाराबंकी के इस प्रकार की अन्य औद्योगिक इकाइयों को भी इस मुहिम से जुड़ने हेतु आवाहन किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए वृक्ष आज भी हमारे लिए जीवनदायिनी छाया और वायु प्रदान कर रहे हैं। इसी प्रकार हम सबकी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ वातावरण छोड़ें। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे।
उन्होंने विशेष रूप से गाड़ियों की जगह साइकिल को अपनाने, अनावश्यक प्रदूषण से बचने, जल और वायु संरक्षण की आदतों को अपनाने और पौधों की नियमित देखभाल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह सराहना की कि बाराबंकी में पौधारोपण हेतु एकरूपता के साथ पंक्तिबद्ध फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं, जो आगे चलकर न केवल पर्यावरणीय लाभ देंगे बल्कि परिसर की शोभा भी बढ़ाएंगे।
राज्यपाल ने रोपित पौधों के संरक्षण पर विशेष बल देते हुए कहा कि यह महत्त्वपूर्ण है कि मानसून के बाद इनकी नियमित देखभाल हो। उन्होंने यह भी अपील की कि जिन लोगों द्वारा पौधे रोपित किए गए हैं, वे समय-समय पर वहां जाकर पौधों की देखभाल के साथ अपनत्व का भाव भी प्रकट करें। उन्होंने यह भी बताया कि क्षयरोगियों (टीबी मरीजों) को पोषण पोटलियाँ वितरित की गई हैं, जो निःस्वार्थ सेवा की मिसाल है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वर्ष 2025 तक देश को टी0बी0 मुक्त करने के लिए इस प्रकार की पहलें अत्यंत आवश्यक हैं।