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Saturday, June 21, 2025

सरकारी जमीन पर कब्जा कर बना डाला अवैध निर्माण! तेल माफिया के सहयोगी पर शासन की बड़ी कार्रवाई की तैयारी

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– तेल माफिया पवन के समधी चंदू पर शासन की बड़ी कार्यवाही की तैयारी
– ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन,और 10 करोड़ की जमीन खरीद का मामला

फर्रुखाबाद: जिले में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का एक और गंभीर मामला सामने आया है। चर्चित तेल माफिया पवन-पंकज कटियार के करीबी सहयोगी व समधी अनिल कटियार उर्फ चंदू पर शासन की पैनी नजर पड़ चुकी है। हाल ही में दोनों ने अवैध तेल विक्री से इटावा बरेली हाईवे पर चांदपुर में 10 करोड़ की जमीन खरीदी और अक्षय तृतीया वाले दिन उसे पर अस्पताल बनाने के लिए पूजन भी किया अब यह गैंग मिलकर मानव स्वास्थ्य के संग भी खिलवाड़ करेगा चंदू ने कुछ दिन पूर्व अपने समधी पवन कटियार को 22 लाख रुपए की एक वेश कीमती गाड़ी भी गिफ्ट की है।शासन स्तर से उसकी संपत्तियों की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

एम.आर. कोल्ड स्टोरेज के सामने सरकारी जमीन पर कब्जा

सूत्रों के अनुसार, अनिल कटियार चंदू ने एम.आर. कोल्ड स्टोरेज के सामने कीमती सरकारी जमीन को गहरी कर उसमें अवैध कब्जा कर इट लगाने में प्रयोग करा लिया है। यह जमीन सार्वजनिक उपयोग की थी, लेकिन मिलीभगत के चलते इस पर निजी निर्माण खड़ा कर दिया गया, जिससे क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है।

ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन भी हड़पी

इतना ही नहीं, अनिल कटियार ने अपने पैतृक गांव धन्सुआ (फर्रुखाबाद) में भी ग्राम समाज की लगभग 9 डिसमिल कीमती जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और वहां निर्माण कार्य करा लिया। यह जमीन सामुदायिक उपयोग के लिए थी, जिस पर कब्जा कर उसका निजी लाभ के लिए उपयोग किया जा रहा है।

शासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्रुखाबाद प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कब्जाई गई सभी जमीनों की जांच कर कार्रवाई की जाए। बताया जा रहा है कि राजस्व, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें मौके की स्थिति की जांच के लिए गठित कर दी गई हैं, जो जल्द ही जांच रिपोर्ट सौंपेंगी।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर जिले में भूमाफियाओं की सक्रियता और प्रशासनिक मिलीभगत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो अन्य भूमाफियाओं के हौसले और बढ़ेंगे।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन से मांग की है कि सिर्फ जांच न हो, बल्कि जमीन को तत्काल मुक्त कराकर दोषियों पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।

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